सार

Ujjain Mahakal Sawari Live: उज्जैन में भगवान महाकाल की तीसरी सवारी आज 24 जुलाई को निकाली गई। सवारी में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी पत्नी साधना सिंह और बेटे के साथ शामिल हुए। 

 

उज्जैन. मध्य प्रदेश के उज्जैन में सावन के प्रत्येक सोमवार को भगवान महाकाल की सवारी निकाली जाती है। 24 जुलाई को भगवान महाकाल की तीसरी सवारी निकाली गई। इस सवारी में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी पत्नी साधना सिंह और बेटे के साथ शामिल हुए। सावन की तीसरी सवारी में भगवान महाकाल ने खास रूप में अपने भक्तों को दर्शन दिए। 

दिन भर रही भक्तों की भीड़
24 जुलाई को सावन का सोमवार होने से सुबह से ही महाकाल मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। सावन में भक्तों की संख्या को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने गर्भगृह में जाने पर पाबंदी लगा दी थी। भगवान महाकाल की तीसरी सवारी के मद्देनजर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई थी। इस बार सावन का अधिक मास होने से कुल 10 सवारी का योग बना है, जिसमें 24 जुलाई को तीसरी सवारी निकाली गई।

इस रूप में दर्शन देंगे महाकाल
तीसरी सवारी में भगवान महाकाल ने बैलगाड़ी में बैठकर शिव तांडव स्वरूप में अपने भक्तों को दर्शन दिए। इस दौरान चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर और हाथी पर मनमहेश की प्रतिमा को देख भक्तों ने जय महाकाल के जयकारे लगाए। सवारी से पहले कोटितीर्थ कुंड के निकट हॉल में भगवान महाकाल की पूजा की गई। जिसमें जिले के बड़े अधिकारी व नेता शामिल हुए।

ये है सवारी का मार्ग
पूजन के बाद शाम 4 बजे भगवान महाकाल की पालकी मंदिर परिसर से बाहर आई। यहां पुलिस द्वारा भगवान को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। सवारी अपने तय मार्ग गुदरी चौराहा, कहार वाड़ी से होते हुए रामघाट पहुंची। यहां भगवान महाकाल की पूजा की गई। यहां से सवारी दानी गेट, ढाबा रोड और गोपाल मंदिर होते हुए नियत समय पर मंदिर में पहुंची।

इस बार 10 सवारी का संयोग
सावन का अधिक मास होने से भगवान महाकाल की सवारी की संख्या में वृद्धि होगी। सावन की 8 और भादौ की 2 सहित इस बार भगवान महाकाल की कुल 10 सवारी निकलेगी। आगे जानिए महाकाल सवारी की तारीखें…
चौथी सवारी- 31 जुलाई को
पांचवी सवारी- 7 अगस्त को
छठी सवारी- 14 अगस्त को
सातवीं सवारी- 21 अगस्त को
आठवीं सवारी- 28 अगस्त को
नौवीं सवारी- 4 सितंबर को
अंतिम शाही सवारी- 11 सितंबर को

 

ये भी पढ़ें-

Adhik Maas 2023: अधिक मास में सप्तसागरों की परिक्रमा से मिलते हैं शुभ फल, जानिए किस शहर में ये सात सागर?


Adhik Maas 2023: अधिक मास में जन्में बच्चे होते हैं Luckey, ये बातें बनाती हैं इन्हें ‘किस्मत वाला’


Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।