Mahakal Sawari Live Telecast: मध्य प्रदेश के उज्जैन में भगवान महाकाल की दूसरी सवारी 21 जुलाई को निकाली गई। चांदी की पालकी में बैठकर स्वयं भगवान महाकाल भक्तों का हाल जानने निकले। 

Ujjain Mahakal Second Sawari: मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थापित हैं। परंपरा के अनुसार हर साल सावन मास में भगवान महाकाल की सवारी निकाली जाती है। इस बार भगवान महाकाल की दूसरी सवारी 21 जुलाई को निकाली गई। बाबा महाकाल चांदी की पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर भक्तों का हाल जानने निकले। सवारी अपने तय मार्गों से होते हुए शाम को लगभग 7 बजे पुन: मंदिर परिसर में पहुंची। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी महाकाल की सवारी में शामिल हुए। 

क्षिप्रा तट पर हुआ महाकाल पूजन

बाबा महाकाल की पालकी मंदिर परिसर से बाहर निकलकर विभिन्न मार्गों से होते हुए क्षिप्रा तट पर पहुंची। यहां क्षिप्रा के पवित्र जल से महाकाल का अभिषेक किया गया, साथ ही दत्त अखाड़ा के साधु-संतों ने भी पूजन-अर्चन किया। जब से बाबा महाकाल की सवारी निकाला जा रही है, तब से क्षिप्रा तट पर पूजा की परंपरा भी चली आ रही है। इसके बाद सवारी अपने तय मार्गों से होते हुए शाम को लगभग 7 बजे पुन: मंदिर परिसर में पहुंची।

महाकाल हैं उज्जैन के राजा

उज्जैन के लोग बाबा महाकाल को ही अपना राजा मानते हैं। ऐसा कहा जाता है कि सावन मास में स्वयं राजा महाकाल अपनी प्रजा का हाल जानने निकलते हैं। इस दौरान हर कोई उनकी एक झलक पाने के लिए घंटों तक इंतजार करता है। पुलिस विभाग की ओर से भगवान महाकाल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है। सवारी में आगे-आगे पुलिस बैंड, भजन मंडलियां भी शामिल होती हैं। इस दौरान पूरा शहर बाबा महाकाल का जयकारों से गूंज उठता है।

12 में से एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग

12 ज्योतिर्लिंगों में महाकालेश्वर का स्थान तीसरा है। ये एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है। दक्षिणा दिशा के स्वामी यमराज हैं जिन्हें काल भी कहते हैं और काल के स्वामी होने के कारण ही इस ज्योतिर्लिंग का नाम महाकालेश्वर रखा गया है। यहां रोज सुबह होने वाली भस्मारती भी विश्व प्रसिद्ध है।

जानें कब-कब निकलेगी बाबा महाकाल की सवारी?

तीसरी सवारी- 28 जुलाई
चौथी सवारी- 4 अगस्त
पांचवी सवारी- 11 अगस्त
छठी सवारी- 18 अगस्त