सार

What not to do on Vasant Panchami: हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को वसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 26 जनवरी, गुरुवार को है। इस दिन देवी सरस्वती की पूजा विशेष रूप से की जाती है। हिंदू धर्म में इस पर्व का विशेष महत्व है।

 

उज्जैन. ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार, वसंत पंचमी (Vasant Panchami 2023) पर ही देवी सरस्वती प्रकट हुई थीं, तभी से ये पर्व मनाया जा रहा है। इस बार ये पर्व 26 जनवरी, गुरुवार को मनाया जाएगा। इस पर्व पर देवी सरस्वती की पूजा करने का विधान है। हर शिक्षण संस्था में इस दिन देवी सरस्वती की पूजा विशेष रूप से की जाती है। देवी सरस्वती की कृपा पाने के लिए ये दिन खास है। इस दिन कुछ काम करने से बचना चाहिए, नहीं तो भविष्य में अशुभ परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। आगे जानिए कौन-से हैं वो काम…


तामसिक भोजन न करें
वसंत पंचमी का पर्व पूर्णत: सात्विक है। इस दिन भूलकर भी तामसिक भोजन जैसे मांसाहार न खाएं। संभव हो तो इस दिन भोजन में लहसुन और प्याज आदि मसालों का उपयोग भी न करें। इस तरह के मसाले व भोजन शरीर में उत्तेजना पैदा करते हैं। इसलिए वसंत पंचमी पर इस तरह का भोजन करने से बचना चाहिए।


शिक्षक या किसी बुजुर्ग का अपमान न करें
वैसे तो जीवन में कभी भी किसी शिक्षक या बुजुर्ग व्यक्ति का अपमान नहीं करना चाहिए, लेकिन ये बात वसंत पंचमी पर विशेष रूप से ध्यान रखनी चाहिए। इस दिन देवी सरस्वती की पूजा ज्ञान की देवी के रूप में की जाती है और हमें ज्ञान शिक्षक व हमारे बुजुर्गों से ही मिलता है। इस स्थिति में ये दोनों भी हमारे लिए सम्मानीय हैं।


नशे से दूर रहें
वसंत पंचमी पर पूरी तरह सात्विकता का पालन करें तो देवी सरस्वती की कृपा आप पर बनी रहती है। इसलिए इस दिन किसी भी तरह के नशा नहीं करना चाहिए। नशा करने से मन में कई तरह के बुरे विचार मन में आते हैं और अनजाने में व्यक्ति ऐसा कोई काम कर बैठता है जो उसे नहीं करना चाहिए। इसलिए वसंत पंचमी पर नशे से दूर रहें।


ब्रह्मचर्य का पालन करें
धर्म ग्रंथों के अनुसार, वसंत पंचमी पर देवी सरस्वती की कृपा पाने के लिए व्रत किया जाता है। हालांकि बदलते समय के साथ ये व्रत की परंपरा अब समाप्त हो गई है, लेकिन इस दिन ब्रह्मचर्य का नियम का पालन जरूर करना चाहिए। और न ही इस तरह के विचार मन में लाना चाहिए।


किसी पर क्रोध न करें
वसंत पंचमी देवी सरस्वती की पूजा का दिन है। इस दिन किसी पर क्रोध न करें और न ही किसी को कुछ भला-बुरा कहें। ऐसा करने से मन विचलित होता है और क्रोध के कारण उत्तेजना हम पर हावी हो जाती है। अगर किसी से कोई गलती हो भी जाए तो उसे माफ कर दें। इस तरह अपने मन को शांत रखने का प्रयास करें।



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