वास्तु शास्त्र में दक्षिण-पश्चिम दिशा या नैऋत्य का विशेष महत्व है। इस दिशा में मंदिर, रसोई या जलस्रोत बनाने से बचना चाहिए। साथ ही, यहां अंधकार से भी बचें। वास्तु के अनुसार, इन गलतियों से आर्थिक हानि और मानसिक तनाव हो सकता है।

Vastu Tips: वास्तु शास्त्र में घर की हर दिशा से जुड़े नियमों का वर्णन किया गया है। इन दिशाओं का पालन करने से कई लाभ मिल सकते हैं। हालांकि, कुछ गलतियां आर्थिक नुकसान और मानसिक तनाव का कारण बन सकती हैं। आज हम आपको दक्षिण-पश्चिम दिशा, जिसे नैऋत्य कोण भी कहते हैं, से जुड़ी कुछ गलतियों के बारे में बताएंगे जो आर्थिक नुकसान का कारण बन सकती हैं। नैऋत्य कोण में ये गलतियां कभी नहीं करनी चाहिए।

नैऋत्य कोण से संबंधित सावधानियां

वास्तु में दक्षिण दिशा

पश्चिम दिशा को नैऋत्य कोण कहा जाता है। यह दिशा पाप ग्रहों राहु और केतु से संबंधित है। दोनों को इस नैऋत्य कोण का स्वामी माना जाता है। इसलिए, इस दिशा में एक छोटी सी भी गलती बड़े नुकसान का कारण बन सकती है। इसके बारे में नीचे और जानें।

इस दिशा में मंदिर न बनाएं

आपको भूलकर भी अपने घर के नैऋत्य कोण में मंदिर नहीं बनाना चाहिए। इस दिशा में बना मंदिर मानसिक तनाव का कारण बन सकता है। इस दिशा में देवी-देवताओं की मूर्ति स्थापित करने से आप भ्रमित हो सकते हैं और आर्थिक नुकसान भी हो सकता है। यहां मंदिर बनाने से जीवन के हर पहलू में समस्याएं आ सकती हैं।

यहां पानी से बचें

दक्षिण-पश्चिम कोने में कभी भी जलस्रोत, जैसे कुआं या पानी की टंकी नहीं बनवानी चाहिए। इस दिशा में पानी होने से वास्तु दोष उत्पन्न होते हैं। यहां बार-बार पानी होने से आपके जीवन में परेशानियां आती हैं और अनजाने में आर्थिक नुकसान होता है।

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रसोईघर से बचें

इस दिशा में रसोई होना भी अशुभ माना जाता है। दक्षिण-पश्चिम कोने में रसोई होने से निवासियों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जिन लोगों की रसोई दक्षिण-पश्चिम कोने में होती है, उनके जीवन में हमेशा खुशियां कम रहती हैं।

इस दिशा में अंधेरे से बचें

  • आपको दक्षिण-पश्चिम कोने को हमेशा अच्छी तरह से रोशन रखना चाहिए। इस दिशा में अत्यधिक अंधेरा भी आपके जीवन में परेशानियां पैदा कर सकता है।
  • आप दक्षिण-पश्चिम कोने में अलमारी, फर्नीचर या भारी सामान रख सकते हैं। इस दिशा में भारी सामान रखना वास्तु के अनुसार उचित माना जाता है।

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Disclaimer: इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।