सार
Vikram Samvat 2082: हर धर्म का अपना अलग-अलग कैलेंडर होता है। हिंदू धर्म के कैलेंडर को विक्रम संवंत के नाम से जाना जाता है। ये अंग्रेजी कैलेंडर से 57 साल आगे है। इसकी शुरूआत चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है।
Vikram Samvat 2082: इस बार गुड़ी पड़वा का पर्व 30 मार्च, रविवार को मनाया जाएगा। इसी दिन से हिंदू नववर्ष 2082 भी शुरू होगा, जिसे विक्रम संवत कहते हैं। विक्रम संवत अंग्रेजी कैलेंडर से 57 साल आगे हैं, सुनने में ये बात अजीब लगे, लेकिन ये सच है। हिंदुओं के सभी त्योहार विक्रम संवत के अनुसार ही मनाए जाते हैं। अंग्रेजी कैलेंडर की तरह इसमें भी 12 महीने होते हैं। विक्रम संवत किसने शुरू किया, इसके बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी है। आगे जानिए विक्रम संवत से जुड़ी खास बातें…
किसने शुरू किया था विक्रम संवत?
विक्रम संवत की शुरूआत उज्जियनी (वर्तमान उज्जैन) के राजा विक्रमादित्य ने की थी। राजा विक्रमादित्य का शासन दूर-दूर तक फैला था। उन्होंने अनेक विदेशी आक्रामणकारियों को पराजित किया और सनातम धर्म का प्रचार-प्रसार किया। ज्योतिष गणना के आधार पर राजा विक्रमादित्य ने विक्रम संवत की शुरूआत की। इस बार 30 मार्च को विक्रम संवत 2082 की शुरुआत होगी जो अंग्रेजी कैलेंजर से 57 साल आगे है क्योंकि अभी अंग्रेजी कैलेंडर का 2025वां साल ही चल रहा है।
हर साल का अलग नाम भी
ज्योतिष शास्त्र में संवत्सरों (हिंदू वर्ष) के नाम भी बताए गए हैं। 30 मार्च, रविवार से सिद्धार्थी नाम का संवत्सर शुरू होगा। इसके राजा और मंत्री सूर्यदेव हैं। अंग्रेजी कैलेंडर की तरह इसमें भी 12 महीने हैं, जिनके नाम चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, सावन, भाद्रपद, आश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ और फाल्गुन।
चैत्र मास से ही क्यों शुरू होता है विक्रम संवत?
हिंदू धर्म में चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। ब्रह्म पुराण के अनुसार पितामह ब्रह्मा ने इसी दिन से सृष्टि निर्माण का काम शुरू किया था, यही कारण है इसे सृष्टि का प्रथम दिन भी माना जाता है। साथ ही चारों युगों में सबसे प्रथम सतयुग की शुरूआत भी इसी दिन से हुई थी। यही कारण है कि राजा विक्रमादित्य ने इसी तिथि से विक्रम संवत की शुरूआत की।
Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो ज्योतिषियों द्वारा बताई गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।