सार

हर व्यक्ति जब अपना घर बनवाता है तो वह यही सोचता है कि ये घर उसके लिए सुख-समृद्धि और बहुत सारी खुशियां लेकर आए।

उज्जैन. ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार, गृह प्रवेश करते समय यदि कुछ बातों का ध्यान रखा जाए तो ये संभव है। ये हैं वो बातें-

1. गृह प्रवेश करते समय वास्तु पूजन जरूर करवाना चाहिए।
2. अगर किसी कारणवश वास्तु पूजन न करवा पाएं तो ब्राह्मणों से वास्तु शांति व यज्ञ जरूर करवाएं। इससे उस स्थान की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है तभी घर शुभ प्रभाव देता है। जिससे जीवन में खुशी व सुख-समृद्धि आती है।
3. अपने कुलदेवता की पूजा व परिवार के वरिष्ठ सदस्यों का सम्मान करके गृह प्रवेश करना चाहिए।
4. ब्राह्मणों सहित अपने परिजनों और मित्रों को भोजन करवाना चाहिए।
5. नए घर में करते समय तुलसी का पौधा भी जरूर लगाएं।
6. शुभ मुहूर्त में मंगलगान (मंत्र आदि बोलते हुए) करते हुे और शंख बजाते हुए गृह प्रवेश करना चाहिए।
7. गृह प्रवेश करते समय शुभ नक्षत्र, वार, तिथि और लग्न का विशेष ध्यान रखना चाहिए-

शुभ नक्षत्र- उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा, उत्तराभाद्रपद, रोहिणी, मृगशिरा, चित्रा, अनुराधा एवं रेवती नक्षत्र गृह प्रवेश के लिए शुभ हैं।
शुभ तिथि- शुक्ल पक्ष की द्वितीया, तृतीया, पंचमी, षष्टी, सप्तमी, दशमी, एकादशी व त्रयोदशी तिथियां गृह प्रवेश के लिए शुभ मानी गई हैं।
शुभ वार- गृह प्रवेश के लिए सोमवार, बुधवार, गुरुवार व शुक्रवार शुभ हैं।
शुभ लग्न- वृष, सिंह, वृश्चिक व कुंभ राशि का लग्न उत्तम है। मिथुन, कन्या, धनु व मीन राशि का लग्न मध्यम है।