PradhanMantri Awas Yojana: प्रधानमंत्री आवास योजना (अर्बन) के तहत गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को अपना पक्का घर बनाने या खरीदने में सरकारी मदद मिल सकती है। जानें इसके लिए कौन आवेदन कर सकता है? फायदे, आवेदन प्रक्रिया, जरूरी डॉक्युमेंट्स क्या हैं।
Pradhan Mantri Awas Yojana Urban: भारत सरकार का सपना है कि हर नागरिक के पास अपना पक्का घर हो। इसी मकसद को पूरा करने के लिए गृह एवं शहरी कार्य मंत्रालय (Ministry of Housing & Urban Affairs) ने प्रधानमंत्री आवास योजना (अर्बन) यानी PMAY-Urban शुरू की। इस योजना का लक्ष्य है कि शहरों में रहने वाले हर योग्य परिवार को एक सुरक्षित और पक्का घर मिले। इस मिशन को खास तौर पर उन लोगों के लिए लाया गया है, जो अब तक किराए पर या कच्चे घरों में रह रहे हैं- जैसे झुग्गी-झोपड़ी वाले परिवार, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS), निम्न आय वर्ग (LIG) और मध्यम आय वर्ग (MIG)। जानिए आवेदन कहां-कैसे कर सकते हैं, पात्रता क्या है और आपको सब्सिडी कितनी मिलेगी पूरी डिटेल।
प्रधानमंत्री आवास योजना का मकसद क्या है?
शहरों में जमीन और घर की कीमत लगातार बढ़ रही है, ऐसे में गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए मकान खरीदना मुश्किल हो गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY-Urban) का उद्देश्य है सस्ते और टिकाऊ घर उपलब्ध कराना। इसमें सरकार घर खरीदने या बनाने के लिए मिलने वाले होम लोन पर ब्याज में सब्सिडी देती है। इसे क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (CLSS) भी कहा जाता है। योजना का स्लोगन है- “Housing for All” यानी हर किसी के लिए पक्का घर।
योजना से क्या-क्या फायदे मिलते हैं?
झुग्गी पुनर्विकास (Slum Rehabilitation): स्लम में रहने वालों को पक्का घर दिलाने के लिए निजी डेवलपर्स की मदद से काम किया जाता है।
होम लोन पर सब्सिडी: ईडब्ल्यूएस जिनकी आय 3 लाख रुपए तक है, घर का साइज 30 वर्ग मीटर तक।
LIG (3 लाख रुपए से 6 लाख रुपए तक): घर का साइज 60 वर्ग मीटर तक।
MIG-I (6 लाख रुपए से 12 लाख रुपए तक): घर का साइज 160 वर्ग मीटर तक।
MIG-II (12 लाख रुपए से 18 लाख रुपए): घर का साइज 200 वर्ग मीटर तक।
पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP): जहां प्रोजेक्ट में 35 प्रतिशत घर ईडब्ल्यूएस परिवारों को दिए जाते हैं, वहां केंद्र सरकार मदद करती है।
व्यक्तिगत घर निर्माण में मदद: ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के लोग अपना अलग घर बनाना चाहते हैं तो उनके लिए भी विशेष सहायता है।
कौन ले सकता है इसका फायदा?
- परिवार की सालाना आय EWS, LIG, MIG-I या MIG-II कैटेगरी में होनी चाहिए।
- पति-पत्नी और अविवाहित बच्चों वाला परिवार ही पात्र माना जाएगा।
- परिवार के पास पहले से कोई पक्का घर नहीं होना चाहिए।
- परिवार ने पहले कभी सरकार की किसी और हाउसिंग स्कीम का फायदा न लिया हो।
- परिवार का शहर या कस्बा इस योजना में शामिल होना चाहिए।
PMAY-Urban के लिए आवेदन कैसे करें?
- PMAY-Urban की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं।
- सिटिजन असेसमेंट में जाकर Slum Dwellers या Other three components वाला विकल्प चुनें।
- अपना आधार नंबर डालें और आगे बढ़ें।
- ऑनलाइन फॉर्म में नाम, पता, मोबाइल नंबर, आय और बैंक डिटेल जैसी जानकारी भरें।
- जरूरी डॉक्युमेंट्स अपलोड करें।
- फॉर्म सेव करें और कैप्चा डालकर सबमिट कर दें। आवेदन की एक कॉपी प्रिंट कर सकते हैं।
अप्लाई करने के लिए कौन-कौन से डॉक्युमेंट्स चाहिए?
- आधार कार्ड या वर्चुअल आईडी
- आय प्रमाण पत्र या शपथ पत्र
- पहचान और पते का सबूत (PAN कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस)
- बैंक डिटेल और पासबुक या स्टेटमेंट
- सैलरी स्लिप और ITR (अगर लागू हो)
- अल्पसंख्यक समुदाय प्रमाण पत्र (अगर लागू हो)
- EWS या LIG या MIG सर्टिफिकेट
- घर न होने का शपथ पत्र
- अगर खुद घर बना रहे हैं तो उससे जुड़ा प्रमाण
आपको PMAY के तहत कितनी सब्सिडी मिलेगी कैसे कैलकुलेट करें?
प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत सरकार सब्सिडी के रूप में लोगों को होम लोन पर ब्याज में छूट देती है। ये सुविधा क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (CLSS) के तहत मिलती है। मतलब, अगर आप घर खरीदने या बनाने के लिए लोन लेते हैं तो आपकी इनकम और लोन राशि के हिसाब से ब्याज कम हो जाएगा। PMAY सब्सिडी कैसे करने के लिए नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करें-
- अपनी सब्सिडी जानने के लिए ऑफिशियल वेबसाइट pmayuclap.gov.in पर जाएं।
- वहां Subsidy Calculator का ऑप्शन मिलेगा, उस पर क्लिक करें।
- अब CLSS Awas Portal (CLAP) का पेज खुल जाएगा।
- यहां आपको अपनी सालाना इनकम, लोन अमाउंट, लोन की अवधि और घर का एरिया भरना होगा।
- जानकारी डालते ही सिस्टम आपको बताएगा कि आपको कितनी सब्सिडी मिल सकती है।
ये भी पढ़ें- LIC बीमा सखी योजना 2025: महिलाएं घर बैठे कर सकती हैं तगड़ी कमाई, जानिए आवेदन प्रक्रिया और योग्यता
इनकम के अनुसार सब्सिडी कैसे तय होती है?
सब्सिडी की गणना सरकार Net Present Value (NPV) के फार्मूले से करती है। आसान शब्दों में, आपकी इनकम और लोन राशि के हिसाब से ब्याज में जो छूट मिलती है, वहीं आपकी सब्सिडी है और उसी का आज के समय के हिसाब से कैलकुलेशन किया जाता है।
इनकम कैटेगरी के हिसाब से सब्सिडी कितनी मिलेगी?
EWS (इकोनॉमिक वीकर सेक्शन) और LIG (लो इनकम ग्रुप)
- सालाना इनकम: 3 लाख-6 लाख रुपए
- ब्याज पर छूट (सब्सिडी कितनी मिलेगी): 6.5 प्रतिशत (2,67,280 रुपए)
- अधिकतम लोन: 6 लाख रुपए तक
- लोन अवधि अधिकतम: 20 साल तक
MIG-I (मिडिल इनकम ग्रुप-1)
- सालाना इनकम: 6 लाख- 12 लाख रुपए
- ब्याज पर छूट (सब्सिडी कितनी मिलेगी): 4 प्रतिशत (2,35,068 रुपए)
- अधिकतम लोन: 9 लाख रुपए तक
- लोन अवधि: 20 साल तक
MIG-II (मिडिल इनकम ग्रुप-2)
- सालाना इनकम: 12 लाख- 18 लाख रुपए
- ब्याज पर छूट (सब्सिडी कितनी मिलेगी): 3 प्रतिशत (2,30,156 रुपए)
- अधिकतम लोन: 12 लाख रुपए तक
- लोन अवधि: 20 साल तक
ये भी पढ़ें- बिहार मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना 2025: कौन-कैसे कर सकता है आवेदन और क्या हैं फायदे?
