सार

टोक्यो ओलंपिक से पहले बजरंग पूनिया ने माटियो पेलिकोन रैंकिंग कुश्ती सीरीज में आखिरी 30 सेकेंड में दो प्वॉइंट्स लेकर गोल्ड मेडल हासिल किया। इसके साथ ही वह एक बार फिर अपने वजन वर्ग में नंबर वन पहलवान बने हैं। वहीं, विशाल कालीरमण ने भी गैर ओलंपिक 70 किग्रा वर्ग में कजाखस्तान से सीरबाज तालगत को 5-1 से हराकर कांस्य पदक जीता है।

स्पोर्ट्स डेस्क : भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया (Bajrang Punia) ने एक बार फिर पहलवानी में नंबर वन स्थान हासिल किया है। टोक्यो ओलंपिक से पहले बजरंग पूनिया ने माटियो पेलिकोन रैंकिंग कुश्ती सीरीज (Matteo Pellicone Ranking Series) में आखिरी 30 सेकेंड में दो प्वॉइंट्स लेकर गोल्ड मेडल हासिल किया। इसके साथ ही वह एक बार फिर अपने वजन वर्ग में नंबर वन पहलवान बने हैं। उन्होंने 65 किग्रा की प्रतियोगिता में मंगोलिया के तुल्गा तुमूर ओचिर (Mongolia's Tulga Tumur Ochir) को आखिरी के कुछ सेकेंड्स में हराकर जीत हासिल की। इस मैच में पहले वह 0-2 से तुल्गा तुमूर पीछे चल रहे थे, लेकिन अंतिम 30 सेकेंड में उन्होंने 2 प्वाइंट्स हासिल किए, जिसके चलते उन्हें विजेता घोषित किया गया।

वर्ल्ड रैकिंग में दूसरे से पहले स्थान पर पहुंचे पूनिया
रविवार को हुए इस मुकाबले में जीत के साथ ही भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया 14 अंक हासिल करके टॉप पर पहुंच गए हैं। ताजा रैंकिंग केवल इस टूर्नामेंट के रिजल्ट्स पर आधारित है और इसलिए स्वर्ण पदक जीतने वाला पहलवान नंबर एक रैंकिंग हासिल कर रहा है।

ऐसा रहा पूनिया का कुश्ती करियर
26 फरवरी 1994 को हरियाणा के झाझर गाँव में जन्मे बजरंग पूनिया पहलवान परिवार से ही ताल्लुक रखते हैं। 7 साल की उम्र में उन्होंने कुश्ती शुरू की। घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के बाद भी उनके पिता ने उन्हें बहुत सपोर्ट किया। बजरंग के सपने पूरे करने के लिए इनके पिता बलवान सिंह पूनिया ने बस का किराया बचाकर साइकिल से सफर किया करते थे। बता दें कि बजरंग पूनिया ने पहलवानी के साथ ही भारतीय रेलवे में टिकट चेकर (TTE) का भी काम किया था। उन्होंने विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में तीन मैडल जीते हैं। 2017 मई में, उन्होंने दिल्ली में आयोजित एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप में गोल्ड जीता था। इसके बाद 2018 ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में और एशियाई खेल में भी उन्होंने गोल्ड मैडल अपने नाम किया है।

विशाल कालीरमण ने जीता कांस्य पदक
भारतीय पहलवान विशाल कालीरमण ने भी गैर ओलंपिक 70 किग्रा वर्ग में कजाखस्तान से सीरबाज तालगत को 5-1 से हराकर कांस्य पदक जीता है। वहीं, नरसिंह पंचम यादव, जिन्होंने हाल ही में चार साल के डोपिंग बैन के बाद प्रतिस्पर्धी कुश्ती में वापसी की थी, उन्होंने कजाखस्तान के दनियार कैसानोव से अपना कांस्य प्ले-ऑफ 0-5 से गंवा दिया। हालांकि, उन्होंने अपनी शक्ति और स्वभाव से सभी को काफी प्रभावित किया।