सार
कहते हैं कि मन में दृढ़ विश्वास है तो कुछ भी हासिल किया जा सकता है। इसका जीता जागता उदाहरण बनीं हैं असम की मोरजिना बेगम जिन्होंने 63 साल की उमें नेशनल मीट में सिल्वर मेडल जीतकर मिसाल कायम की है।
Who Is Morjina Begum. असम की रहने वाली एथलीट मोरजिना बेगम ने 63 साल की उम्र में नेशनल टूर्नामेंट में सिल्वर मेडल जीता है। मोरजिना की कहानी ऐसी है, जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। 35 साल की उम्र में एथलीट बनने वाली मोरजिना ने कैंसर को भी मात दी है और अब रिटायरमेंट की उम्र में सिल्वर मेडल जीता है। मोरजिना आज करोड़ों महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन गई हैं, जिन्हें खेलों में दिलचस्पी है। मोरजिना की कहानी प्रेरणा देती है कि इंसान जो भी चाहता है और विश्वास के साथ आगे बढ़ता है, उसे पूरा जरूर कर लेता है।
जानें मोरजिना की कहानी
63 साल की मोरजिना बेगम असम के गोलपारा की मूल निवासी हैं। उन्होंने 35 साल की उम्र में एथलीट बनने की सोची और वहीं से शुरूआत की। मोरजिना ने अपनी ही बेटी से कोचिंग लेनी शुरू की जो कि खुद नेशनल लेवल की एथलीट हैं। 2010 से ही मोरजिन अलग-अलग एथलेटिक्स इवेंट्स में हिस्सा ले रही हैं। लेकिन 2018 में बता चला कि उन्हें ब्रेस्ट कैंसर है, तब लगा कि मानों सब कुछ थम सा गया है।
मोरजिना ने लड़ी कैंसर से जंग
2018 में कैंसर का पता चलने के बाद लगातार 3 साल तक वे इससे जूझती रहीं और ऑपरेशन कराया गया। लेकिन मोरजिना का विश्वास कभी न तो कमजोर हुआ और न डी डिगा, जिसकी वजह से 3 साल के बाद उन्होंने फिर से ट्रैक पर वापसी कर ली। डॉक्टर्स भी मोरजिना का हौसला देखकर आश्चर्य में पड़ गए और उन्हें टूर्नामेंट में शामिल होने की अनुमति दे दी। फेडरेशन ने उनकी हालत देखकर अनुमति नहीं देनी चाही लेकिन मोरजिना की जिद के आगे उन्हें भी आखिरकार झुकना ही पड़ा।
सीनियर एथलेटिक्स में किया कमाल
बीते 12 फरवरी को मोरजिना ने नेशनल मार्सटर्स एथलेटिक्स इवेंट में हिस्सा लिया और 4 गुणा 100 मीटर रिले रेस में सिल्वर मेडल जीता है। उन्होंने मेडल जीतने के बाद कहा कि वे आखिरी सांस तक इस इवेंट में हिस्सा लेती रहेंगी।
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