Fauja Singh latest news: दुनिया के सबसे उम्रदराज मैराथन धावक फौजा सिंह का पंजाब में सड़क हादसे में निधन हो गया। पुलिस ने 24 घंटे बाद आरोपी कार की पहचान की, पीएम मोदी और अन्य नेताओं ने दी श्रद्धांजलि। जानिए ‘Turbaned Tornado’ की प्रेरणादायक कहानी।
Fauja Singh Death: पंजाब के जालंधर-पठानकोट हाईवे पर हुए एक दर्दनाक हादसे में दुनिया के सबसे बुज़ुर्ग मैराथन धावक फौजा सिंह का निधन हो गया। फौजा सिंह को एक अज्ञात वाहन ने सड़क पर ठोकर मार दी थी जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी। पुलिस के मुताबिक, हादसे के लगभग 24 घंटे बाद उस सफेद टोयोटा फॉर्च्यूनर SUV की पहचान कर ली गई है जिसने उन्हें टक्कर मारकर फरार हो गई थी। यह गाड़ी पंजाब नंबर पर रजिस्टर्ड है लेकिन अब तक उसका ड्राइवर पकड़ से बाहर है।
सिर पर गंभीर चोटें, मौत, पंजाब पुलिस कर रही आरोपी की तलाश
फौजा सिंह को सिर पर गंभीर चोटें आई थीं। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके। पुलिस ने हिट एंड रन केस दर्ज करते हुए ड्राइवर की तलाश के लिए कई टीमें गठित की हैं। पुलिस अधिकारी ने बताया कि SUV की पहचान CCTV से हुई है और ड्राइवर को जल्द गिरफ्तार करने के प्रयास जारी हैं। घटना के बाद इलाके में सुरक्षा और जांच बढ़ा दी गई है।
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‘Turbaned Tornado’ का प्रेरणादायक जीवन
फौजा सिंह को पूरी दुनिया ‘टर्बनड टोर्नेडो’ (Turbaned Tornado) के नाम से जानती थी। उनका जन्म 1 अप्रैल 1911 को हुआ था। उन्होंने दो विश्व युद्ध, दो वैश्विक महामारियां और भारत-पाक विभाजन को देखा था। 90 के दशक में वे इंग्लैंड में अपने बेटे के पास रहने चले गए थे। बेटे और पत्नी की मौत के बाद उन्होंने जीवन में फिर से उद्देश्य खोजा और फिर वह दौड़ने लगे। 89 साल की उम्र में 2000 में उन्होंने लंदन मैराथन में डेब्यू किया और सबका ध्यान खींचा। इसके बाद उन्होंने टोरंटो, न्यूयॉर्क, हांगकांग समेत कई शहरों में मैराथन दौड़ी।
2012 के लंदन ओलंपिक्स और 2004 के एथेंस ओलंपिक्स में वे टॉर्चबेयर भी रहे। इतना ही नहीं, उन्होंने डेविड बेकहम और मोहम्मद अली जैसे महान खिलाड़ियों के साथ एक प्रसिद्ध स्पोर्ट्स ब्रांड के विज्ञापन में भी हिस्सा लिया।
2013 में 102 साल की उम्र में लिया रिटायरमेंट, फिर भी नहीं रुकी दौड़
2013 में हांगकांग मैराथन में उन्होंने 1 घंटे 32 मिनट में दौड़ पूरी कर ली। इसके बाद उन्होंने आधिकारिक तौर पर मैराथन से संन्यास ले लिया लेकिन दौड़ना बंद नहीं किया। वे फिटनेस और चैरिटी के लिए दौड़ते रहे।
नेताओं और खेल जगत में शोक की लहर
फौजा सिंह के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त करते हुए लिखा: फौजा सिंह जी अपने अद्भुत व्यक्तित्व और फिटनेस के प्रति प्रेरणात्मक दृष्टिकोण के लिए जाने जाते थे। उनका जीवन युवाओं के लिए प्रेरणा है। उनके जाने से गहरा दुख पहुंचा है। मैं उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट करता हूं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने लिखा: फौजा सिंह जी की अटूट इच्छाशक्ति और असाधारण जीवनशैली हर उम्र के लोगों के लिए मिसाल है। उनका जाना अपूरणीय क्षति है।
