सार

मार्क धर्माई पहले भारतीय हैं जिन्होंने वर्ल्ड ड्वार्फ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता है। इस सफलता के लिए बांद्रा जिमखाना ने उन्हें मानद आजीवन सदस्यता दी है।

 

मुंबई। पैरालंपिक एथलीट मार्क धर्माई ने हाल ही में जर्मनी में आयोजित वर्ल्ड ड्वार्फ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता है। उन्होंने बोस्किया (युगल) के खेल में यह कामयाबी पाई। धर्माई ने वर्ल्ड ड्वार्फ गेम्स में गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय बनकर इतिहास रचा है।

मार्क धर्माई ने कठिन चुनौतियों का सामना करते हुए यह कामयाबी पाई है। वह मुंबई के बांद्रा के रहने वाले हैं। धर्माई ने वर्ल्ड ड्वार्फ गेम्स में चार और पदक भी जीते हैं। इस टूर्नामेंट में 22 देशों के 505 एथलीटों ने भाग लिया था। 

बांद्रा जिमखाना ने दी आजीवन सदस्यता

धर्माई ने डिस्कस थ्रो और बैडमिंटन (युगल) में सिल्वर मेडल जीता। उन्होंने बैडमिंटन (एकल) और भाला फेंक में कांस्य पदक जीते। धर्माई के कठिन परिश्रम और उनकी सफलता से युवा प्रेरणा ले सकें इसके लिए बांद्रा जिमखाना ने उन्हें आजीवन सदस्यता दी है। धर्माई बांद्रा जिमखाना में नियमित रूप से अभ्यास करते हैं।

कौन हैं मार्क धर्माई?
बचपन से ही मार्क धर्माई का रुझान खेलों की ओर था। उन्होंने अपने खेल करियर की शुरुआत 2004 पैरालंपिक गेम्स में भागीदारी के साथ की थी। उन्होंने 400 मीटर दौड़ में कांस्य पदक हासिल किया था। इसके बाद उन्होंने अपनी मेहनत और लगन के बल पर कई उपलब्धियां हासिल की। इनमें 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों में 200 मीटर दौड़ में गोल्ड मेडल और 2012 लंदन पैरालिंपिक में 4x400 मीटर रिले में सिल्वर मेडल शामिल हैं।

बेहद प्रेरक है धर्माई की कहानी

धर्माई की कहानी बेहद प्रेरक है। उन्होंने अपने अदम्य साहस से अपनी शारीरिक विकलांगता पर विजय प्राप्त की है। उनका जीवन चुनौतियों से भरा रहा है। उन्होंने पिछले वर्ल्ड ड्वार्फ गेम्स के लिए भी तैयारी की थी, लेकिन यह कोरोना महामारी के चलते स्थगित हो गया था। इसके बाद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। वह तैयारी करते रहे। इस साल जब वर्ल्ड ड्वार्फ गेम्स का आयोजन हुआ तो उन्होंने गोल्ड अपने नाम कर लिया। तैयारी के दौरान धर्माई ने शारीरिक और मानसिक रूप से फिट रहने के लिए फिजियोथेरेपी और योग को अपनाया।

धर्माई ने कहा-जिमखाना की सदस्यता से मिलेगी मदद

अपनी सफलता और बांद्रा जिमखाना की आजीवन सदस्यता मिलने पर धर्माई ने कहा कि यह मेरे लिए बहुत बड़ी बात है। इससे मुझे करियर को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। सदस्यता को रिन्यू कराने के लिए पैसे नहीं खर्च होंगे। मैं बिना किसी परेशानी के अपने खेल पर ध्यान दे पाऊंगा। धर्माई ने कहा, ""जिमखाना में बहुत अच्छी क्वालिटी का लकड़ी का कोर्ट है। यहां के लोग बहुत अधिक सहायता करते हैं। मैं हर दिन जिमखाना खिलाड़ियों के साथ बैडमिंटन खेलता हूं और अन्य पैरा खिलाड़ियों को भी ट्रेनिंग देता हूं।"