बिहार चुनाव से पहले लालू परिवार में कलह बढ़ी है। तेजस्वी के करीबी को लेकर तेजप्रताप के बाद अब रोहिणी आचार्य भी नाराज़ हैं। उन्होंने X अकाउंट प्राइवेट कर दिया और लालू परिवार एवं राजद के अधिकांश लोगों को अनफॉलो कर दिया है।
पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राजनीति गरमाई हुई है। इस बीच आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का परिवार फिर से सुर्खियों में है। तेजप्रताप यादव को राजद ने निष्काषित किए जाने और उनकी बगावती बयानबाज़ी के बाद अब उनकी बहन रोहिणी आचार्य ने भी अपने सोशल मीडिया पोस्ट और अचानक उठाए कदम से राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।
सोशल मीडिया अकाउंट किया प्राइवेट
शनिवार सुबह 8 बजे के बाद अचानक रोहिणी आचार्य का एक्स (ट्विटर) अकाउंट प्राइवेट हो गया। उन्होंने पुराने पोस्ट भी हटा दिए और सिर्फ़ 61 लोगों को फॉलो करना शुरू कर दिया। खास बात यह है कि परिवार में उन्होंने केवल अपनी बहन और सांसद मीसा भारती को फॉलो किया है। न तेजस्वी, न तेजप्रताप और न ही राजद का कोई बड़ा चेहरा उनकी लिस्ट में है। इसे परिवार के भीतर गहराते मतभेद का संकेत माना जा रहा है।
“आत्मसम्मान सर्वोपरि है”, रोहिणी का इमोशनल पोस्ट
अकाउंट प्राइवेट करने से पहले रोहिणी ने लिखा, “मैंने एक बेटी और बहन के तौर पर अपना कर्तव्य निभाया है और आगे भी निभाऊंगी। मुझे किसी पद की लालसा नहीं है, न मेरी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा है। मेरे लिए आत्मसम्मान सर्वोपरि है।” इस बयान ने अटकलों को तेज कर दिया कि कहीं वह भी तेजप्रताप की तरह पार्टी से किनारा करने का मन तो नहीं बना रही हैं।
रोहिणी ने इससे पहले एक वीडियो भी पोस्ट किया था जिसमें वह अस्पताल में स्ट्रेचर पर जाती दिख रही हैं। इसके साथ उन्होंने लिखा, “जो जान हथेली पर रखकर बड़ी से बड़ी कुर्बानी देता है, उसकी बेखौफी और खुद्दारी लहू में बहती है।” यह बयान उनके त्याग और जज़्बे की याद दिलाता है। खासकर इसलिए क्योंकि रोहिणी वही हैं जिन्होंने अपने पिता लालू प्रसाद यादव को किडनी दान की थी।
विवाद की जड़: संजय यादव और ‘बस की सीट’
पूरा विवाद तेजस्वी यादव के करीबी संजय यादव से जुड़ा बताया जा रहा है। बिहार अधिकार यात्रा के दौरान उनकी तस्वीर वायरल हुई थी, जिसमें वे बस की अगली सीट पर बैठे दिखे। आमतौर पर यह सीट पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के लिए मानी जाती है। इसी मुद्दे पर सोशल मीडिया पर एक यूज़र ने टिप्पणी की, जिसे रोहिणी ने बिना कैप्शन के शेयर कर दिया। यह कदम परिवार और पार्टी के भीतर विवाद का नया कारण बन गया।
तेजप्रताप पहले से ही नाराज़
गौरतलब है कि संजय यादव को लेकर तेजप्रताप यादव पहले ही नाराज़गी जता चुके हैं। वे कई बार उन्हें परोक्ष रूप से ‘जयचंद’ कह चुके हैं। अब रोहिणी के तेवर भी उसी असंतोष की झलक दिखा रहे हैं। ऐसे में यह विवाद लालू परिवार के भीतर बढ़ती खींचतान को साफ उजागर करता है।
चुनावी वक्त में राजद के लिए मुश्किलें
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इस तरह की पारिवारिक कलह चुनाव से पहले राजद के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है। तेजस्वी यादव एक तरफ़ महागठबंधन को एकजुट रखने और विपक्ष को कड़ी चुनौती देने की तैयारी में हैं, वहीं दूसरी ओर परिवार के भीतर से उठ रही आवाज़ें उनकी रणनीति को कमजोर कर सकती हैं।
आगे क्या करेंगी रोहिणी?
अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि रोहिणी आचार्य का अगला कदम क्या होगा। क्या यह सिर्फ क्षणिक नाराज़गी है या फिर वह सच में तेजप्रताप यादव की राह पकड़ने वाली हैं? जो भी हो, उनके इन कदमों ने बिहार की राजनीति और राजद की सियासी स्थिति में हलचल मचा दी है।
