अरवल विधानसभा चुनाव 2025 में भाजपा के मनोज कुमार 14093 वोटों से जीते। यह सीट अपने बदलते जनादेश के लिए जानी जाती है। यहाँ 2010 में भाजपा, 2015 में राजद और 2020 में CPI(ML)(L) ने जीत दर्ज की थी।
Arwal Election 2025: अरवल विधानसभा चुनाव 2025 में भारतीय जनता पार्टी के मनोज कुमार जीते हैं। उन्हें 79854 वोट मिले। उन्होंने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) (मुक्ति) के महानंद सिंह को 14093 वोट से हराया।बिहार की अरवल विधानसभा सीट (Arwal Vidhan Sabha Seat) हमेशा से चुनावी राजनीति का अहम मैदान रही है। यहां हर चुनाव में समीकरण बदलते हैं और जनता अपने फैसले से बड़े-बड़े नेताओं को चौंका देती है। 2010 में भाजपा (BJP), 2015 में राजद (RJD) और 2020 में वामपंथी दल CPI(ML)(L) ने जीत दर्ज की।
अरवल विधानसभा: 2010, 2015 और 2020 के नतीजों का इतिहास
2020 अरवल चुनाव: CPI(ML)(L) का बड़ा उलटफेर
- विजेता: महानंद सिंह (CPI(ML)(L))-68,286 वोट (47.18%)
- उपविजेता: दीपक कुमार शर्मा (BJP) – 48,336 वोट
- जीत का अंतर: 19,950 वोट
नोट 1. इस जीत ने वामपंथ को अरवल में मजबूती दी और साबित कर दिया कि यहाँ का वोटर आख़िरी वक्त पर बड़ा बदलाव कर सकता है।
नोट 2. महानंद सिंह की शैक्षिक योग्यता की बात की जाए तो वह 12वीं पास हैं। उनके ऊपर 3 क्रिमिनल केस रजिस्टर्ड हैं। उनके पास कुल Rs 23,34,364 रुपए की चल अचल संपत्ति है लेकिन उन पर कोई लोन या कर्जा नहीं है।
2015 अरवल चुनाव: राजद की ऐतिहासिक जीत
- विजेता: रविंद्र सिंह (RJD) – 55,295 वोट (43%)
- उपविजेता: चितरंजन कुमार (BJP) – 37,485 वोट
- जीत का अंतर: 17,810 वोट
नोट: यह चुनाव महागठबंधन (RJD-JDU-Congress) की ताकत को दर्शाता है।
2010 अरवल चुनाव: भाजपा की पहली कामयाबी
- विजेता: चितरंजन कुमार (BJP)-23,984 वोट (25%)
- उपविजेता: महानंद प्रसाद (CPI(ML)(L))-19,782 वोट
- जीत का अंतर: 4,202 वोट
नोट: इस चुनाव ने भाजपा को अरवल में आधार दिया और भविष्य के लिए मजबूत नींव रखी।
अरवल विधानसभा: क्यों है इतनी खास?
- 1. यह सीट लगातार बदलते जनादेश के लिए जानी जाती है।
- 2. यहां जातीय समीकरण, महागठबंधन बनाम एनडीए और वामपंथी राजनीति तीनों की सीधी टक्कर होती है।
- 3. 2010, 2015 और 2020 में तीन अलग-अलग दलों की जीत इस सीट की असली पहचान है।
- 4. CPI(ML)(L), RJD और BJP-तीनों दलों ने इस सीट से जीत दर्ज की है।
- 5. यह सीट पूरे बिहार की राजनीति पर असर डालती है।
