सीवान जिले के इस रोमांचक और हमेशा चर्चा में रहने वाले बड़हरिया विधानसभा सीट पर 2025 के चुनाव में जदयू के इंद्रवेश सिंह ने जीत हासिल की। लंबे समय से राजनीतिक रूप से उतार-चढ़ाव वाला यह क्षेत्र रहा है।
Barharia Assembly Election 2025: बिहार के सिवान जिले की बड़हरिया विधानसभा सीट हमेशा से ही सियासी उतार-चढ़ाव और रोमांचक मुकाबलों की गवाह रही है। इस सीट का जदयू से इंद्रवेव सिंह की हुई जीत।
बड़हरिया विधानसभा क्षेत्र में मतदाता किसान, मजदूर, छोटे व्यापारी और मध्यम वर्ग के हैं। यहां का जातीय समीकरण भी चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाता है। यादव, पासवान और अन्य स्थानीय जातियाँ अक्सर चुनाव के नतीजे तय करती हैं।
बड़हरिया विधानसभा चुनाव: इतिहास और आंकड़े
बड़हरिया विधानसभा चुनाव 2010 परिणाम
- जीत: श्याम बहादुर सिंह (JD(U)) - 53,707 वोट
- हारे: मोहम्मद मोबीन (RJD)- 28,586 वोट
- वोट अंतर: 25,121 वोट
- वोट शेयर: श्याम बहादुर सिंह 47%, मोबीन 25%
बड़हरिया विधानसभा चुनाव 2015 रिजल्ट
- जीत: श्याम बहादुर सिंह (JD(U)) - 65,168 वोट
- हारे: बच्चा पांडेय (LJP)- 50,585 वोट
- वोट अंतर: 14,583 वोट
- वोट शेयर: श्याम बहादुर सिंह 42%, बच्चा पांडेय 33%
बड़हरिया विधानसभा चुनाव 2020 नतीजे
- जीत: बच्चा पांडेय (RJD) - 71,793 वोट
- हारे: श्याम बहादुर सिंह (JD(U)) - 68,234 वोट
- वोट अंतर: 3,559 वोट
- वोट शेयर: बच्चा पांडेय 41.62%, श्याम बहादुर सिंह 39.55%
खास बात: यह आंकड़ा दर्शाता है कि बड़हरिया सीट हमेशा कांटे की टक्कर वाली रही है। कभी बड़ा मार्जिन, कभी बेहद करीबी मुकाबला। 2020 का चुनाव बेहद क्लोज़ फिनिश था।
बड़हरिया विधानसभा 2025: क्या होगा जनता का फैसला?
- 2020 में RJD की जीत बेहद नजदीकी थी।
- 2025 में बच्चा पांडेय के लिए अपनी पकड़ बनाए रखना चुनौतीपूर्ण होगा।
- जदयू इसे वापसी का अवसर मान रही है।
- तीसरा चेहरा भी चुनावी समीकरण बदल सकता है।
- जातीय समीकरण, स्थानीय मुद्दे और उम्मीदवार की लोकप्रियता तय करेंगे अगले विजेता को।
क्यों है बड़हरिया सीट खास?
- 1. सिवान जिले की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका।
- 2. लगातार बदलते जनादेश और रोमांचक मुकाबले।
- 3. ग्रामीण और अर्धशहरी मतदाता, जातीय समीकरण और स्थानीय मुद्दे निर्णायक।
- 4. हर चुनाव में जनता ने सोच-समझकर फैसला किया।
