Bettiah GMCH, Bihar में पोस्टमार्टम के लिए शव घसीटने का वीडियो वायरल, मुर्दाघर सहायक निलंबित, पुलिसकर्मी पर कार्रवाई की सिफारिश, 72 घंटे में जांच रिपोर्ट, सोशल मीडिया पर लोगों का आक्रोश।

Bihar GMCH Bettiah Viral Video: बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के बेतिया सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (GMCH) में पोस्टमार्टम के लिए लाए गए शव को घसीटते हुए वीडियो सामने आया है, जिसने न केवल स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े किए, बल्कि पूरे राज्य को शर्मसार कर दिया। यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है।

क्या है बेतिया अस्पताल की वायरल वीडियो की सच्चाई? 

बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (GMCH) में पोस्टमार्टम के लिए लाए गए एक शव को स्ट्रेचर की बजाय जमीन पर घसीटते हुए कैमरे में कैद किया गया। यह वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, पूरे इलाके में हड़कंप मच गया।

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वीडियो में क्या दिखा जिसने लोगों को झकझोर दिया? 

वीडियो में साफ दिख रहा है कि दो लोग—एक अस्पताल का मुर्दाघर सहायक और एक पुलिसकर्मी—मिलकर शव को ज़मीन पर घसीटते हुए पोस्टमार्टम कक्ष की ओर ले जा रहे हैं। अस्पताल के अंदर इस तरह का अमानवीय व्यवहार जनता को हैरान और आक्रोशित कर गया।

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DM और SP ने क्या एक्शन लिया 

जिला मजिस्ट्रेट धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि वीडियो की जानकारी मिलते ही अस्पताल के मुर्दाघर सहायक को तत्काल निलंबित कर दिया गया। साथ ही, घटना में शामिल पुलिसकर्मी पर कार्रवाई के लिए एसपी को पत्र लिखा गया है।

72 घंटे में सच्चाई सामने आएगी 

भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एक जांच समिति गठित की गई है, जिसे 72 घंटे में रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है। प्रशासन का कहना है कि यह रिपोर्ट न केवल दोषियों को सजा दिलाएगी, बल्कि अस्पताल के सिस्टम में जरूरी बदलाव भी सुझाएगी।

लोग क्यों भड़के और सोशल मीडिया पर क्या हो रहा है? 

वीडियो वायरल होने के बाद स्थानीय लोगों और सोशल मीडिया यूज़र्स ने अस्पताल प्रशासन की जमकर आलोचना की। कई लोगों ने सवाल उठाया कि जब अस्पताल में स्ट्रेचर मौजूद हैं तो शव को घसीटने की नौबत क्यों आई?

क्या बदलेगा बिहार का हेल्थ सिस्टम? 

यह घटना सिर्फ एक लापरवाही का मामला नहीं है, बल्कि बिहार के हेल्थ सिस्टम की गहरी खामियों को उजागर करती है। प्रशासन और सरकार के लिए यह समय है कि वे इस घटना से सीख लेकर अस्पतालों में मानवीय गरिमा और बुनियादी सुविधाओं को प्राथमिकता दें।

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