बिहार में 16 अगस्त से 20 सितंबर 2025 तक “राजस्व महा अभियान” चलाया जाएगा, जिसका उद्देश्य भूमि संबंधी मामलों का त्वरित निपटारा, दस्तावेजों को अद्यतन एवं डिजिटल बनाना है। 45,000 गांवों की लगभग 4.5 करोड़ जमाबंदियों को कवर किया जाएगा।

Bihar Revenue Mega Campaign: राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह की अध्यक्षता में राजधानी पटना स्थित राजस्व प्रशिक्षण संस्थान में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक में बिहार प्रशासनिक सेवा संघ, बिहार राजस्व सेवा संघ, संयुक्त राजस्व सेवा संघ, मुखिया संघ, पंच-सरपंच संघ, बिहार राजस्व अमीन संघ एवं अन्य संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य आगामी 'राजस्व महाअभियान' की रूपरेखा तय करना और जनप्रतिनिधियों के सहयोग से इसे सफल बनाना था।

पूरे राज्य में चलाया जाएगा 'राजस्व महाअभियान'

अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग 16 अगस्त से 20 सितंबर 2025 तक पूरे राज्य में 'राजस्व महाअभियान' चलाएगा। इस पहल का उद्देश्य भूमि संबंधी मामलों में जनता को त्वरित, पारदर्शिता और सुगम सेवा प्रदान करना है। इस दौरान भूमि संबंधी दस्तावेजों में अधिक से अधिक सुधार और अद्यतनीकरण किया जाएगा, ताकि लोगों को अपनी भूमि के दस्तावेज सही और डिजिटल रूप में मिल सकें।

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ऑनलाइन जमाबंदी में किसी भी त्रुटि को सुधारने का मौका

अभियान में लोगों को ऑनलाइन जमाबंदी में किसी भी त्रुटि को सुधारने के लिए आवेदन करने का मौका मिलेगा। अगर किसी की जमाबंदी ऑनलाइन दर्ज नहीं है, तो वे इसका प्रमाण प्रस्तुत कर सकेंगे, ताकि रिकॉर्ड ऑनलाइन किया जा सके। जिन लोगों की जमीन पूर्वजों के नाम पर है और अभी तक वंशजों के नाम दर्ज नहीं हुई है, वे इस प्रक्रिया के तहत इसे अद्यतन करा सकेंगे।

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 45,000 गांवों में चलाया जाएगा अभियान

अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि अभियान के दौरान, विभाग की टीमें 16 अगस्त से गांव-गांव और घर-घर जाकर लोगों को उनकी जमाबंदी की नकल देंगी। हर पंचायत में एक सप्ताह या उससे अधिक समय के लिए विशेष शिविर लगाए जाएंगे, जहां आवेदन लिए जाएंगे। यह अभियान 45,000 गांवों में चलाया जाएगा, जिसमें लगभग 4.5 करोड़ जमाबंदी शामिल होंगी। अभियान के प्रचार-प्रसार और अधिक से अधिक लोगों तक जानकारी पहुंचाने के लिए सभी स्तरों पर जनप्रतिनिधियों का सहयोग लिया जाएगा। बैठक में सभी संघों और संगठनों के प्रतिनिधियों को इस अभियान के महत्व और प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया गया, ताकि वे लोगों को जागरूक कर सकें और अधिक से अधिक लाभार्थी इससे जुड़ सकें।

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