सार

बिहार में इन दिनों पुलों के गिरने का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। बीते 15 दिनों के भीतर 7वीं बार राज्य के जिले में पुल गिरने की घटना सामने आई है।

Bihar bridge collapse: बिहार में इन दिनों पुलों के गिरने का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। बीते 15 दिनों के भीतर 7वीं बार राज्य के जिले में पुल गिरने की घटना सामने आई है। इस बार बिहार के सीवान जिले में बुधवार (3 जुलाई) को भारी बारिश के बीच दो पुल ढह गए। हालांकि, इस दुर्घटना में किसी के हताहत होने या घायल होने की सूचना नहीं है। बता दें कि लगभग 35 साल पुराने दोनों पुल जिले के देवरिया ब्लॉक में स्थित हैं और कई गांवों को महराजगंज से जोड़ते हैं।

बिहार के सीवान जिले के देवरिया ब्लॉक में स्थित दोनों पुल के ढहने से यातायात और आवाजाही बाधित हो गई है।बताया जा रहा है कि दोनों ध्वस्त पुलों में से एक का निर्माण 1998 में तत्कालीन सांसद प्रभुनाथ सिंह की निधि से 6 लाख रुपये में हुआ था। दूसरा पुल 2004 में इसी निधि से 10 लाख रुपये में बनाया गया था। तब से दोनों पुलों की मरम्मत नहीं हुई। ग्रामीणों ने सुझाव दिया कि पिछले दिनों में हुई भारी बारिश के कारण पुल ढह गया होगा, गंडकी नदी में उफान के कारण पुल की संरचना संभावित रूप से कमजोर हो गई होगी।

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बिहार में पुल गिरने का सिलसिला

ये घटना सिर्फ 11 दिन पहले सीवान में एक और पुल ढहने के बाद हुई है, जो बिहार में बुनियादी ढांचे की स्थिति पर बढ़ती चिंताओं को रेखांकित करती है। 22 जून को दरौंदा इलाके में पुल का एक हिस्सा ढह गया था। हाल ही में मधुबनी, अररिया, पूर्वी चंपारण और किशनगंज जैसे जिलों में इसी तरह की घटनाएं सामने आईं, जिसके बाद बिहार सरकार को इन घटनाओं की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

बिहार में कब गिरे पुल?

बिहार में बीते 18 जून को अररिया में 12 करोड़ की लागत से बना 183 मीटर लंबा पुल उद्घाटन से ठीक पहले गिर गया। इसके बाद 23 जून को पश्चिम चंपारण जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बन रहे एक निर्माणाधीन पुल का एक हिस्सा कंक्रीट ढलाई के कुछ घंटों बाद ढह गया। 22 जून को सिवान जिले के महाराजगंज ब्लॉक में गंडक नदी पर बना एक छोटा पुल अचानक पानी के बहाव के कारण टूट गया।

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