बिहार चुनाव 2025: पहले चरण में 6 नवंबर को 121 सीटों पर मतदान। 1314 उम्मीदवारों में 73% करोड़पति व 32% दागी हैं। 3.75 करोड़ मतदाता कड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच वोट डालेंगे।
पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण का प्रचार प्रसार थमने के बाद, कल यानी 6 नवंबर को 18 जिलों की 121 सीटों पर मतदान होना है। यह चरण बिहार के चुनावी भविष्य की नींव रखेगा। मतदान को लेकर सभी तैयारियां अंतिम चरण में हैं। 45,336 मतदान केंद्रों पर कल सुबह 7 बजे से वोटिंग शुरू हो जाएगी। इस महासंग्राम में 3.75 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे और कुल 1314 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला ईवीएम में दर्ज करेंगे। जिन 18 जिलों में वोटिंग होगी, उनमें पटना, भोजपुर, बक्सर, दरभंगा, मुंगेर और नालंदा जैसे राजनीतिक रूप से बेहद अहम क्षेत्र शामिल हैं।
धन-बल और आपराधिक रिकॉर्ड
इस बार का विधानसभा चुनाव उम्मीदवारों के प्रोफाइल के कारण विशेष रूप से रोचक है। पहले चरण में चुनावी मैदान में उतरे प्रत्याशियों में धन-बल का व्यापक प्रभाव दिखता है: 73% यानी 961 उम्मीदवार करोड़पति हैं। सबसे अमीर उम्मीदवार भाजपा के कुमार प्रणय (मुंगेर) हैं, जिनकी संपत्ति ₹170.81 करोड़ है। वहीं, ₹37 हजार की संपत्ति वाले सीपीआई (एमएल) के उम्मीदवार वृंदावन राज सी भी मैदान में हैं।
दूसरी ओर, लोकतंत्र के लिए एक चिंताजनक पहलू यह है कि हर तीसरे उम्मीदवार पर एफआईआर दर्ज है। कुल 423 प्रत्याशियों (32%) के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से 354 गंभीर अपराधों में आरोपी हैं। इनमें हत्या (33), हत्या के प्रयास (86), और महिलाओं के खिलाफ अपराध (42) जैसे गंभीर मामले शामिल हैं। आपराधिक रिकॉर्ड के मामले में CPI (ML) (93%), RJD (76%) और BJP (65%) के उम्मीदवार सबसे आगे हैं।
चुनावी मैदान में 9 % महिलाएँ
पहले चरण के 1314 प्रत्याशियों में महिलाओं की भागीदारी केवल 9% (122 महिला उम्मीदवार) है। प्रमुख गठबंधनों में, एनडीए ने 34 और महागठबंधन ने 30 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया है। इस चरण में कई कलाकार भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। लोक गायिका मैथिली ठाकुर (भाजपा) और भोजपुरी अभिनेता खेसारी लाल यादव (राजद) मैदान में हैं।
शैक्षणिक योग्यता की बात करें तो, 651 उम्मीदवार (50%) ग्रेजुएट या उससे अधिक शिक्षित हैं, जिनमें कानून (17), इंजीनियरिंग (12) और पीएचडी (12) की डिग्री वाले उम्मीदवार भी शामिल हैं, जबकि 8 उम्मीदवार निरक्षर हैं।
एनडीए और महागठबंधन का सीट समीकरण
पहले चरण के मतदान में दोनों प्रमुख गठबंधनों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। एनडीए की ओर से जेडीयू 57, बीजेपी 48 और एलजेपी (आर) 13 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। वहीं, महागठबंधन में आरजेडी 72 सीटों के साथ सबसे आगे है, जबकि कांग्रेस 24 और CPI (ML) 14 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
महागठबंधन में कुछ सीटों पर 'फ्रेंडली फाइट' की स्थिति भी बनी हुई है, जो चुनाव को और दिलचस्प बना रही है। 2015 के चुनाव में महागठबंधन ने शानदार प्रदर्शन किया था, जबकि 2020 में एनडीए ने जीत हासिल की थी, इसलिए यह चरण दोनों गठबंधनों के लिए अपनी स्थिति मजबूत करने का मौका है।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
पहले चरण का मतदान शांतिपूर्ण और निष्पक्ष हो, इसके लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। राज्य भर में 4 लाख से अधिक सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जाएगी, जिसमें केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की 1,500 कंपनियां भी शामिल हैं।
मोकामा में हुई हिंसा और कुछ अन्य इलाकों में तनाव को देखते हुए अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। सभी पोलिंग पार्टियाँ अपने बूथों पर पहुँच चुकी हैं। अब सबकी निगाहें कल की वोटिंग पर और फिर 14 नवंबर को आने वाले नतीजों पर टिकी हैं, जो बिहार की नई राजनीतिक दिशा तय करेंगे।
