Bihar Election 2025: NDA में सीटों का बंटवारा लगभग तय, लेकिन LJP (RV) की मांग और छोटे दलों की हिस्सेदारी अब भी सस्पेंस में। जानें कौन कितनी सीट जीत सकता है।

NDA Seat Allocation 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। NDA (नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस) में सीटों के बंटवारे को लेकर अभी अंतिम चरण की बातचीत चल रही है। सूत्रों की मानें तो BJP (भारतीय जनता पार्टी) और JDU (जनता दल यूनाइटेड) के बीच लगभग सहमति बन चुकी है, जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि दोनों प्रमुख दल लगभग बराबर संख्या में सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि, बिहार की राजनीति में छोटे दलों की भूमिका हमेशा निर्णायक रही है, और इस बार भी LJP (RV) के साथ-साथ HAM (S), RLM और VIP जैसी पार्टियों की सीटों की मांग NDA समीकरण को प्रभावित कर सकती है।

BJP और JDU के बीच सहमति, लेकिन LJP के लिए अनिश्चितता

सूत्रों के अनुसार BJP और JDU इस बार लगभग 100-105 सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं। लेकिन चिराग पासवान की पार्टी LJP (RV) 40 सीटों की मांग कर रही है, जबकि संभावना है कि उन्हें लगभग आधी ही सीटें मिलें। HAM (S) और RLM को भी NDA में समायोजित किया जाएगा। VIP पार्टी की नीति भी अंतिम समीकरण बदल सकती है, क्योंकि अगर मुकेश सहनी अपनी पार्टी का रुख बदलते हैं, तो सीट बंटवारे में बड़ा फेरबदल हो सकता है।

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2020 का रिकॉर्ड और NDA की रणनीति

पिछले विधानसभा चुनाव में JDU ने 115 और BJP ने 110 सीटों पर चुनाव लड़ा था। LJP ने अकेले 135 सीटों पर चुनाव लड़ा और केवल 1 सीट पर जीत दर्ज की थी। हालांकि, उनकी रणनीति ने NDA को नुकसान पहुंचाया था, क्योंकि कई सीटों पर उन्होंने JDU के वोट काटे थे। इस बार NDA के नेताओं का कहना है कि JDU कम से कम 100 सीटें ही स्वीकार करेगी, जबकि BJP छोटे दलों को भी संतुलित रूप से सीटें देना चाहती है।

लोकसभा चुनाव में LJP का प्रदर्शन

LJP (RV) ने 2024 के लोकसभा चुनावों में शानदार प्रदर्शन किया था, जिसमें पार्टी ने सभी 5 सीटें जीतकर 6% से अधिक वोट शेयर हासिल किया। हालांकि विधानसभा चुनाव में स्थानीय मुद्दे, उम्मीदवार और जमीनी ताकत ज्यादा मायने रखते हैं। यह बात LJP और NDA दोनों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकती है।

LJP की रणनीति और NDA पर दबाव

चिराग पासवान की LJP ने हाल ही में नीतीश कुमार सरकार की कानून-व्यवस्था की आलोचना की और राज्य की राजनीति में सक्रिय होने का संकेत दिया। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह NDA में ज्यादा सीटों के लिए रणनीतिक दबाव का हिस्सा है। LJP का लक्ष्य अगले कुछ सालों में बिहार में 15% वोट हासिल करना है, जबकि 2020 में यह केवल 5.66% पर था।

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