बिहार चुनाव 2025 के लिए VIP पार्टी सड़कों पर 'नाव' लेकर उतरेगी। इसका उद्देश्य पार्टी का विजन और महागठबंधन की योजनाएं जनता तक पहुंचाना है। मुकेश सहनी ने नया बिहार बनाने और पिछड़ों के अधिकारों के लिए समर्थन मांगा है।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) ने चुनावी रणनीति में नया मोड़ दिया है। पार्टी इस बार सड़कों पर अपनी ‘नाव’ लेकर उतरेगी, जो जनता के बीच जाकर पार्टी का विजन और योजनाएं सीधे लोगों तक पहुंचाएगी।

चुनावी संदेश

वीआईपी के संस्थापक और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने बताया कि बिहार के लिए ‘नाव’ केवल प्रतीक नहीं है, बल्कि यह जीवन रक्षक और आवागमन का माध्यम भी रही है। उन्होंने कहा, “बाढ़ के समय कई लोगों का जीवन इस नाव पर निर्भर करता है। यही कारण है कि वीआईपी ने इसे चुनाव के दौरान जनता तक अपने संदेश और विजन को पहुंचाने का जरिया बनाया है।” सहनी ने बताया कि यह नाव सभी विधानसभा क्षेत्रों में भ्रमण करेगी और पार्टी के विजन के साथ-साथ महागठबंधन के कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी लोगों तक पहुंचाएगी।

महागठबंधन की योजनाओं का प्रचार

मुकेश सहनी ने कहा कि महागठबंधन ने चुनाव से पहले ही अपने प्रमुख योजनाओं का ऐलान कर दिया है। इनमें महिलाओं के लिए प्रति माह 2,500 रुपये, 200 यूनिट मुफ्त बिजली, किसानों और पिछड़े वर्ग के कल्याण की योजनाएं शामिल हैं। सहनी ने जनता से अपील करते हुए कहा, “यह चुनाव आने वाली पीढ़ी के भविष्य को तय करने वाला है। सभी नागरिकों को कल्याणकारी सरकार बनाने के लिए अपने वोट का इस्तेमाल करना चाहिए।”

निषाद समाज और पिछड़ों के अधिकारों की बात

मुकेश सहनी ने निषाद समाज के आरक्षण को लेकर कहा कि वीआईपी ने लंबे समय से इसके लिए प्रयास किए हैं, लेकिन सरकार ने अब तक इसे मान्यता नहीं दी। उन्होंने कहा कि आज भी अति पिछड़े, पिछड़े और दलित वर्ग को अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करना पड़ता है। सहनी ने स्पष्ट किया कि इस चुनाव में जनता का समर्थन ही बदलाव की कुंजी है। उन्होंने कहा, “वीआईपी की सरकार बनने पर हम सभी वर्गों की समस्याओं को हल करेंगे और बिहार को एक नया स्वरूप देंगे।”

नया बिहार बनाने का वादा

मुकेश सहनी ने आश्वासन दिया कि वीआईपी की सरकार बनने पर शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा, “हमें नया बिहार बनाना है, और इसके लिए जनता का समर्थन अनिवार्य है। यह चुनाव केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ी के भविष्य का निर्णय है।” सहनी के अनुसार, वीआईपी की नाव सड़कों पर निकलकर जनता तक पार्टी का विजन पहुँचाएगी और आम लोगों से संवाद करेगी। उनका मानना है कि सीधे जनता के बीच जाकर पार्टी की नीतियों और कल्याणकारी योजनाओं को समझाना ही चुनाव जीतने की कुंजी है।