बिहार में 75 लाख महिलाओं को 10-10 हजार रुपये दिए गए। VIP प्रमुख मुकेश सहनी ने इसे चुनावी झांसा करार दिया। उन्होंने कहा कि महागठबंधन सरकार बनने पर महिलाओं को मासिक 2500 रुपये दिए जाएंगे।
पटनाः बिहार की 75 लाख महिलाओं के खाते में शुक्रवार को 10-10 हजार रुपये ट्रांसफर किए गए। यह पैसे महिला रोजगार योजना के तहत दिए गए हैं। जिसके बाद से विपक्षी दल के नेता लगातार सरकार पर हमलावर हैं। इसी कड़ी में विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के संस्थापक और बिहार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा-जदयू सरकार पर हमला बोला। उन्होंने सवाल उठाया कि चुनाव से ठीक पहले आधी आबादी को 10 हजार रुपये देने की आवश्यकता आखिर क्यों पड़ी।
महिलाओं को अकेला छोड़ने वाली नीतियों पर हमला
मुकेश सहनी ने कहा कि 20 साल से सत्ता में रहने वाली भाजपा-जदयू सरकार महिलाओं की ओर कभी ध्यान नहीं दे रही थी। उन्होंने कहा, “गांव में पुरुष बाहर कमाने चले जाते हैं, और महिलाएं अकेले घर संभाल रही हैं। क्या सरकार ने कभी इन महिलाओं के दर्द को समझने की कोशिश की?” उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार की गलत नीतियों के कारण रोजगार के अवसर कम हैं और महिलाएं आर्थिक रूप से कमजोर हो रही हैं।
महिलाओं के सम्मान और महागठबंधन की योजना
‘सन ऑफ मल्लाह’ के नाम से प्रसिद्ध मुकेश सहनी ने दावा किया कि भाजपा-जदयू सरकार महिलाओं को कभी सम्मान नहीं दे सकती। उन्होंने बताया कि महागठबंधन की योजना के तहत प्रदेश की सभी महिलाओं को मासिक 2500 रुपये दिए जाएंगे। उनका कहना है कि यह राशि महिलाओं को न केवल महंगाई से राहत देगी, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मदद भी करेगी।
चुनावी रणनीति पर सवाल
मुकेश सहनी ने सीधे भाजपा और जदयू पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सरकार को मालूम है कि बिना महिलाओं की मदद के सरकार नहीं टिक सकती, इसलिए वे चुनाव से पहले सिर्फ 10 हजार रुपये का झांसा दे रहे हैं। उन्होंने प्रदेश की महिलाओं से अपील की कि वे इस झांसे में न आएं और सच्चे विकल्प की ओर ध्यान दें। वीआईपी प्रमुख ने जनता से कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण और सम्मान के लिए सही विकल्प चुनना जरूरी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सिर्फ चुनाव के समय ही महिलाओं को याद करना समस्या का स्थायी समाधान नहीं है।
