बिहार चुनाव 2025 के पहले चरण की 121 सीटों पर 10 अक्टूबर से नामांकन शुरू होगा। राजद में टिकट बंटवारे को लेकर खलबली है और कई मौजूदा विधायकों का टिकट कट सकता है। पार्टी दलबदल और अन्य कारणों से खाली हुई सीटों पर नए चेहरे उतारने की तैयारी में है।
पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण की 121 सीटों पर कल यानी 10 अक्टूबर से नामांकन प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। इस बार के चुनाव में राजनीतिक हलचल पहले ही अपने चरम पर है और विशेष रूप से राजद के भीतर टिकट को लेकर खलबली मची हुई है। सूत्रों की मानें तो कई सिटिंग विधायकों का टिकट कट सकता है और पार्टी नए, मजबूत उम्मीदवारों को मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है।
राजद में टिकट कटने का खतरा
राजद ने पिछले विधानसभा चुनाव में कई जिलों में अपनी पकड़ मजबूत की थी। लेकिन पिछले साल एनडीए सरकार के विश्वासमत के दौरान पांच राजद विधायक पाला बदलकर एनडीए में शामिल हो गए थे। इनमें शिवहर के चेतन आनंद, भभुआ के भरत बिंद, सूर्यगढ़ा के प्रह्लाद यादव, मोहनियां की संगीता कुमारी और मोकामा की नीलम देवी शामिल हैं। इसके अलावा नवादा की विधायक विभा देवी और रजौली के प्रकाश वीर भी भाजपा के साथ आ गए। ऐसे में इन सात सीटों पर राजद को नए उम्मीदवार खड़े करने होंगे।
इसके अलावा हसनपुर की सीट पर तेजप्रताप यादव को पार्टी ने छह साल के निष्कासन के बाद बाहर कर दिया है। यहां भी पार्टी किसी नए चेहरे को मैदान में उतारेगी। छपरा की तीन सीटों पर भी राजनीतिक बदलाव की संभावना है। सोनपुर से डॉ. रामानुज प्रसाद, परसा से छोटे लाल राय और मढ़ौरा से जितेन्द्र कुमार राय पर बे-टिकट होने का खतरा मंडरा रहा है। हालांकि अंतिम फैसला लालू प्रसाद खुद करेंगे।
पहले चरण की 121 सीटों की तैयारी
पहले चरण के चुनाव में 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर मतगणना होगी। इस चरण में एनडीए के पास 62 सीटें हैं, जबकि महागठबंधन 59 सीटों पर मजबूत स्थिति में है। एनडीए में भाजपा के पास सबसे अधिक 38 सीटें हैं, जबकि जदयू के पास 24 सीटें हैं। महागठबंधन के पास राजद 41, कांग्रेस 8, भाकपा (माले) 7, और सीपीआई एवं सीपीएम दो-दो सीटों पर नियंत्रण रखता है।
चुनाव आयोग 10 अक्टूबर को पहले चरण की अधिसूचना जारी करेगा। उम्मीदवार 17 अक्टूबर तक नामांकन दाखिल कर सकेंगे। नामांकन पत्रों की जांच 18 अक्टूबर को होगी और 20 अक्टूबर तक प्रत्याशी अपने नाम वापस ले सकेंगे। प्रचार 4 नवंबर शाम 5 बजे समाप्त होगा।
राजद के टिकट में बदलाव और सीटों का पुनर्वितरण इस चरण की राजनीतिक रणभूमि को और रोमांचक बना देगा। पुराने और नए नेताओं के बीच मुकाबला, गठबंधन समीकरण और व्यक्तिगत लोकप्रियता निर्णायक साबित होंगे। राज्य में जातीय समीकरण और स्थानीय मुद्दे भी पहले चरण के चुनाव में अहम भूमिका निभाएंगे। पहले चरण का परिणाम पूरे बिहार की सियासत की दिशा तय कर सकता है, क्योंकि इन 121 सीटों पर कई दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर है। राजद के लिए यह चुनौती है कि वह अपने पुराने मजबूत चेहरे और नए उम्मीदवारों के संतुलन से जीत सुनिश्चित करे।
