बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए BJP ने 125 सीटों पर संभावित उम्मीदवारों की सूची बनाई है। जीतने की क्षमता को प्राथमिकता देते हुए करीब 25 मौजूदा विधायकों का टिकट कट सकता है। अंतिम फैसला केंद्रीय नेतृत्व करेगा।
पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की आहट के साथ ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने चुनावी मोर्चे पर तैयारी तेज कर दी है। पार्टी अबकी बार नए चेहरों और विजयी संभावनाओं के फॉर्मूले पर आगे बढ़ रही है। इसी रणनीति के तहत बिहार बीजेपी ने करीब 125 विधानसभा सीटों के संभावित उम्मीदवारों की सूची तैयार कर ली है। सूत्रों की मानें तो इस सूची में 25 मौजूदा विधायकों के टिकट काटे जाने की संभावना जताई जा रही है।
तीन घंटे लंबी बैठक में हुआ मंथन
बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में बुधवार को करीब तीन घंटे चली मैराथन बैठक में प्रत्याशियों को लेकर गहन मंथन हुआ। इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी, संगठन महामंत्री भिखु भाई दलसाणिया, उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय, गिरिराज सिंह, राधामोहन सिंह समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल रहे। सूत्रों के मुताबिक बैठक में 125 सीटों पर चर्चा के बाद हर विधानसभा क्षेत्र से कम से कम तीन नामों की सूची तैयार कर ली गई है, जिसे अब केंद्रीय चुनाव समिति और संसदीय बोर्ड को भेजा जाएगा।
25 विधायकों पर गिर सकती है गाज
बीजेपी इस बार मध्य प्रदेश मॉडल पर काम कर रही है, यानी पार्टी सीनियरिटी के बजाय विनिंग पोटेंशियल पर फोकस कर रही है। पार्टी नेतृत्व ने संकेत दिए हैं कि जो विधायक जनता के बीच सक्रिय नहीं हैं या जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार या एंटी-इनकंबेंसी के आरोप हैं, उन पर कार्रवाई तय है। सूत्रों के अनुसार, लगभग 25 विधायकों के टिकट कट सकते हैं। इनमें वे विधायक भी शामिल हैं, जिनके खिलाफ क्षेत्र में भारी असंतोष, निष्क्रियता या बगावत के आरोप हैं।
इन विधायकों पर मंडरा रहा टिकट कटने का खतरा
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, जिन विधायकों का टिकट कट सकता है उनमें पश्चिम चंपारण की भागीरथी देवी, रश्मि वर्मा, दरभंगा के मिश्री लाल यादव, पटना के ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू, मुजफ्फरपुर के रामसूरत राय और अशोक सिंह, भोजपुर के अमरेंद्र प्रताप सिंह और राघवेंद्र प्रताप सिंह जैसे नाम चर्चा में हैं। इसके अलावा नंद किशोर यादव (पटना साहिब) और अरुण कुमार सिन्हा (कुम्हरार) जैसे वरिष्ठ नेताओं की उम्र और एंटी-इनकंबंसी फैक्टर को देखते हुए भी पार्टी नई रणनीति पर विचार कर रही है।
दिल्ली में फाइनल मुहर
सूत्रों के अनुसार, बिहार बीजेपी की यह प्रारंभिक सूची दिल्ली में होने वाली केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में पेश की जाएगी। वहां से हरी झंडी मिलने के बाद उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी जाएगी। पार्टी चाहती है कि अक्टूबर के तीसरे सप्ताह तक पहले चरण के प्रत्याशियों को मैदान में उतार दिया जाए ताकि वे संगठन और कार्यकर्ताओं के साथ प्रचार में पूरी ताकत झोंक सकें।
नए चेहरों पर फोकस, सीनियर नेताओं को मैदान में उतारने की तैयारी
बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि बिहार में पार्टी कुछ बड़े नेताओं को भी चुनाव मैदान में उतार सकती है। सूत्रों के अनुसार, राधामोहन सिंह, गिरिराज सिंह, नित्यानंद राय, संजय जायसवाल और शाहनवाज हुसैन जैसे नामों पर मंथन चल रहा है। पार्टी का मानना है कि सीनियर नेताओं की एंट्री से कार्यकर्ताओं में जोश बढ़ेगा और मतदाताओं को भी टीम मोदी–टीम सम्राट का भरोसा मिलेगा।
बीजेपी का मिशन 2025
बीजेपी ने इस बार चुनाव को मिशन 2025 के रूप में लिया है। पार्टी के रणनीतिकारों का कहना है कि इस बार मजबूत उम्मीदवार + संगठन + विकास मॉडल के फॉर्मूले पर बीजेपी चुनाव लड़ेगी। पार्टी की अंदरूनी रिपोर्ट के मुताबिक, कई सीटों पर 2020 की तुलना में बीजेपी की स्थिति बेहतर है। संगठन का दावा है कि जनता अब भी केंद्र सरकार के विकास, स्थिरता और मोदी ब्रांड पर भरोसा करती है।
