बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राजद टिकट वितरण में बड़ा बदलाव कर सकती है। तेजस्वी यादव युवाओं को प्राथमिकता देकर पार्टी को मजबूत करने की योजना बना रहे हैं। जानिए कैसे नया चेहरा चुनाव में जीत की कुंजी बन सकता है।

पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए सभी राजनीतिक दल अपनी रणनीतियों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। इस बीच राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने अपने टिकट वितरण प्रक्रिया में एक बड़े बदलाव की तैयारी कर ली है। पार्टी इस बार पुराने और बड़े नेताओं के स्थान पर नए, खासकर युवा और प्रतिभाशाली चेहरों को प्राथमिकता देने की योजना बना रही है। यह कदम पार्टी के लिए जीत की उम्मीद बढ़ाने के साथ-साथ विपक्ष में मजबूती का सन्देश भी होगा।

युवाओं को मिलेगा मौका, पुराने नेताओं को नसीहत

राजद की रणनीति में युवाओं को टिकट वितरण में अहम स्थान देने का फैसला शामिल है। तेजस्वी यादव के नेतृत्व में पार्टी ने यह महसूस किया है कि बिहार की आबादी का लगभग 58 प्रतिशत युवा वर्ग है और उन्हें साधने के बिना विधानसभा चुनाव में सफलता पाना मुश्किल है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कई पुराने और वरिष्ठ नेताओं की सीटों पर युवा उम्मीदवार उतारे जा सकते हैं, जबकि कुछ पुराने नेताओं के वफादार परिवारों या करीबी नेताओं को ही मौका मिल सकता है।

युवा मोर्चा ही राजद की जीत की कुंजी

तेजस्वी यादव ने युवाओं को पार्टी में विशेष तवज्जो देना शुरू कर दिया है। युवा प्रवक्ता विपक्ष के मंचों पर ही विपक्ष को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। पिछले दो-तीन वर्षों में युवाओं की भागीदारी को बढ़ाने के लिए राजद ने गांव-गांव, जिले-दिले तक बड़े जनसंपर्क अभियानों का आयोजन किया है, जिससे पार्टी को जमीन स्तर पर मजबूती मिली है। युवा राजद प्रमुख राजेश यादव का कहना है कि इस बार चुनाव में युवा वोटर निर्णायक भूमिका निभाएंगे। पार्टी ने उन्हें इन्हें राजनीतिक, संगठनात्मक और वैचारिक प्रशिक्षण भी दिया है। युवाओं को टिकट देकर पार्टी न केवल चुनाव जीतना चाहती है, बल्कि सत्ता में आने के बाद युवाओं के विकास के लिए भी असली रास्ते खोलना चाहती है।

टिकट वितरण में हुई सख्ती, भीड़ जुटाने वाले नेताओं को टिकट नहीं

2020 के विधानसभा चुनावों में कुछ नेताओं ने भारी भीड़ जुटा कर टिकट हासिल किया लेकिन बाद में पार्टी को नुकसान भी हुआ। इसलिए इस बार राजद ने टिकट वितरण में सख्ती बरतने का फैसला किया है। पार्टी अब भीड़ जुटाने वाले नेताओं की बजाय क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन और लोकप्रियता को बड़ी प्राथमिकता दे रही है। हालांकि राजद के लिए यह कदम आसान नहीं होगा। टिकट कटने वाले वरिष्ठ नेता नाराज भी हो सकते हैं और यह पार्टी के लिए आंतरिक संकट का कारण बन सकता है। वहीं, नए युवा उम्मीदवारों की चुनावी अनुभवहीनता चुनाव के युद्ध में मुश्किलें बढ़ा सकती है। फिर भी तेजस्वी यादव को भरोसा है कि यह युवा मोर्चा पार्टी को चुनाव 2025 में मजबूती से जीत दिलाएगा।