65 Lakh Voters Missing in Bihar: बिहार में मतदाता सूची से 65 लाख से ज़्यादा नाम गायब पाए गए हैं। अब इन नामों को जुड़वाने का मौका खत्म हो गया है। चुनाव आयोग 1 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची जारी करेगा। जानिए क्या है नया अपडेट?
Bihar Election 2025 voter list update: बिहार में चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया के तहत 1 अगस्त को मसौदा मतदाता सूची जारी की गई। इस सूची में लगभग 65.5 मतदाताओं के नाम नहीं हैं। ये वे लोग हैं जिनकी पहचान और निवास संबंधी जानकारी की पुष्टि नहीं हुई है। इसके लिए चुनाव आयोग (ECI) ने निर्धारित प्रपत्र भरवाया था। मतदाता सूची पर दावे और आपत्तियां 1 सितंबर तक स्वीकार की जाएंगी। अब जबकि इस प्रक्रिया में 25 दिन बीत चुके हैं, चुनाव आयोग के सूत्रों की मानें तो इन 65 लाख 'लापता' लोगों के नाम अंतिम मतदाता सूची में शामिल होने की कोई संभावना नहीं है। अब तक प्राप्त दावों और आपत्तियों के आंकड़े यही संकेत दे रहे हैं। यानी, बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव में मतदाताओं की संख्या 65 लाख से कम होना तय है।
1 सितंबर को जारी होगी अंतिम मतदाता सूची
बिहार में एसआईआर के बाद तैयार होने वाली अंतिम मतदाता सूची में 65 लाख से ज़्यादा मतदाताओं के नाम हमेशा के लिए गायब हो सकते हैं। समाचार एजेंसी ANI के अनुसार, चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया है कि विशेष गहन पुनरीक्षण के दौरान यह बात सामने आई है। अंतिम मतदाता सूची 1 सितंबर को जारी होने वाली है। आयोग का कहना है कि अगर नई मतदाता सूची के साथ चुनाव होते हैं, तो मतदान प्रतिशत निश्चित रूप से बढ़ेगा। राज्य के 7.24 करोड़ से ज़्यादा मतदाताओं में से 7.17 करोड़ लोगों ने अपने फॉर्म और जरूरी दस्तावेज जमा कर दिए हैं। इससे पहले, एसआईआर के पहले चरण के दौरान 7.89 करोड़ मतदाताओं में से 7.24 करोड़ ने जानकारी दी थी।
लापता मतदाताओं की संख्या 65 लाख से ज़्यादा
1 अगस्त को जारी हुई मसौदा मतदाता सूची में लगभग 65 लाख मतदाता गायब थे। अब यह संख्या और बढ़ सकती है। गायब मतदाताओं में वे लोग शामिल हैं जिनकी मृत्यु हो चुकी है या जो स्थानांतरित हो गए हैं और जिनके नाम एक से ज़्यादा जगहों पर दर्ज हैं। आयोग मतदाता सूची को अपडेट कर रहा है ताकि चुनावों में कोई गड़बड़ी न हो। चुनाव आयोग का तर्क है कि मतदाता सूची को अपडेट करने से मतदान प्रतिशत बढ़ेगा। एसआईआर के तहत 24 जून से 25 जुलाई तक मतदाताओं से जानकारी ली गई। चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया कि 1 सितंबर को जारी होने वाली अंतिम सूची में लापता मतदाताओं की संख्या 65 लाख से ज़्यादा हो सकती है।
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अंतिम मतदाता सूची के बाद नए वोटर कार्ड बनाए जाएंगे
आयोग के आंकड़ों के अनुसार, बिहार में अब तक लापता 65 लाख मतदाताओं में से 22 लाख लोगों की मृत्यु हो चुकी है (2.83 प्रतिशत), 36 लाख लोग (4.59 प्रतिशत) स्थायी रूप से स्थानांतरित हो गए हैं या उनके ठिकाने का पता नहीं है और सात लाख लोग (0.89 प्रतिशत) ऐसे हैं जिनके नाम मतदाता सूची में एक से ज़्यादा जगहों पर दर्ज हैं। सूत्रों ने बताया कि अंतिम मतदाता सूची जारी होने के बाद, बिहार के सभी मतदाताओं को नए चुनाव पहचान पत्र दिए जाएंगे। इन पहचान पत्रों पर मतदाताओं की नई तस्वीरें होंगी। नए वोटर कार्ड पर पुराना ईपीआईसी नंबर तो रहेगा, लेकिन मतदान केंद्र का नाम बदल सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि मतदाताओं की सुविधा के लिए राज्य में मतदान केन्द्रों की संख्या बढ़ा दी गई है।
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