मधेपुरा जिले की बिहारीगंज विधानसभा सीट 2025 में बीजेपी उम्मीदवार अरुण शंकर प्रसाद ने 97 हजार से अधिक वोटों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की और विपक्ष को भारी अंतर से पछाड़ दिया।
Bihari Ganj Assembly Election 2025: बिहार के मधेपुरा जिले की बिहारीगंज विधानसभा सीट पर साल 2025 में बीजेपी प्रत्याशी अरुण शंकर प्रसाद ने 1 लाख से अधिक वोट हासिल कर जीत अपने नाम की।
2010 का चुनाव-रेणु कुमारी की बड़ी जीत
बिहारीगंज सीट पर पहला विधानसभा चुनाव 2010 में हुआ। इस चुनाव में जदयू की रेणु कुमारी ने कांग्रेस के प्रभाष कुमार को हराकर जीत दर्ज की।
- रेणु कुमारी (JDU) -79,061 वोट
- प्रभाष कुमार (RJD) -29,065 वोट
- जीत का अंतर-49,996 वोट (बहुत बड़ा अंतर)
2015 का चुनाव-निरंजन कुमार मेहता की एंट्री
2015 के चुनाव में जदयू ने नया चेहरा निरंजन कुमार मेहता को मैदान में उतारा। उनका मुकाबला भाजपा के रवींद्र चरण यादव से हुआ।
- निरंजन कुमार मेहता (JDU)-78,361 वोट
- रवींद्र चरण यादव (BJP)-49,108 वोट
- जीत का अंतर- 29,253 वोट
नोट: यह जीत बताती है कि यहां जदयू की पकड़ मजबूत होती जा रही थी।
2020 का चुनाव-कांग्रेस ने झोंकी ताकत
2020 का चुनाव रोमांचक रहा। कांग्रेस ने दिग्गज नेता शरद यादव की बेटी सुभाषिनी शरद यादव को मैदान में उतारा। लेकिन यहां भी जदयू के निरंजन मेहता ने बाजी मार ली।
- निरंजन कुमार मेहता (JDU)-81,531 वोट
- सुभाषिनी शरद यादव (INC)-62,820 वोट
- जीत का अंतर -18,711 वोट
नोट: यह लगातार दूसरी जीत थी निरंजन मेहता की, जिसने उनकी राजनीतिक पकड़ और मजबूत कर दी।
बिहारीगंज का राजनीतिक समीकरण- किसके हाथ?
बिहारीगंज की राजनीति जातीय समीकरणों पर आधारित है। यहां यादव, कोसी क्षेत्र के अन्य पिछड़े वर्ग और अनुसूचित जातियों का वोट निर्णायक भूमिका निभाता है। यही वजह है कि जदयू और भाजपा गठबंधन की पकड़ मजबूत रहती है। लेकिन कांग्रेस ने 2020 में जो चुनौती दी, उससे यह साफ है कि 2025 में मुकाबला और दिलचस्प हो सकता है।
JDU और BJP की रणनीति कितनी असरदार होगी?
2020 में JDU हार गई थी, लेकिन वोटों का आंकड़ा बताता है कि उनका वोट शेयर काफ़ी मज़बूत था। इस बार BJP और JDU मिलकर मैदान में हैं। कांग्रेस को 2020 में सिर्फ 8,226 वोट मिले थे। 2015 में भी कांग्रेस कमजोर रही थी। अब 2025 में कांग्रेस का अस्तित्व सवालों में है-क्या पार्टी सिर्फ सांकेतिक भूमिका निभाएगी या कोई बड़ा सरप्राइज देगी?
जनता किसे देगी अपना जनादेश?
बिहपुर सीट का इतिहास बताता है कि यहां कभी जेडीयू तो कभी राजद ने जीत दर्ज की है। 2020 का भारी जनादेश राजद के पक्ष में था, लेकिन राजनीति में कुछ भी स्थायी नहीं होता। यही वजह है कि 2025 का चुनाव और भी रहस्यमय लग रहा है।
2025 का चुनाव -कौन ले जाएगा बाजी?
कुल मिलाकर, बिहपुर विधानसभा चुनाव 2025 (Bihpur Vidhan Sabha Chunav 2025) में मुकाबला RJD बनाम NDA के बीच बेहद दिलचस्प रहा, अरुण प्रसाद फिर से जीत का परचम लहराए।
