समस्तीपुर में RJD की रैली में एक बच्चे ने कहा कि तेजस्वी के CM बनने पर वह 'कट्टा' लेकर घूमेगा और 'रंगदार' कहलाएगा। इस बयान पर BJP-JDU ने RJD पर 'जंगलराज' की संस्कृति को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है।

बिहार विधानसभा चुनाव के माहौल में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की एक चुनावी सभा से वायरल हुए एक वीडियो ने बड़ा सियासी भूचाल ला दिया है। समस्तीपुर के मोहिउद्दीननगर में आयोजित तेजस्वी यादव की रैली में एक नाबालिग बच्चे द्वारा दिए गए विवादित और हिंसक बयान पर सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) और जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने राजद को घेर लिया है और इसे 'जंगलराज' की संस्कृति का प्रमाण बताया है।

मंच से रंगदारी की बात

विवाद उस समय शुरू हुआ जब मोहनपुर के जीएमआरडी कॉलेज में तेजस्वी यादव की सभा चल रही थी। तेजस्वी के मंच पर पहुँचने से पहले, हरे रंग का गमछा पहने एक छोटे बच्चे ने माइक संभाला। बच्चे ने मैथिली भाषा में जो बातें कहीं, उन्होंने विपक्ष को राजद पर हमला करने का सीधा मौका दे दिया।

बच्चे ने क्या कहा

बच्चे ने स्टेज से गाना गया जिसके बोल थे, "लाठिया ले के घुमछी त कहय छही गवार गे, बन दही CM तेजस्वी भैया के त कट्टा लेके घुमबऊ ने त कहिहन रंगदार गे।" हिंदी में इसका अर्थ है कि, 'अगर हम लाठी लेकर घूमते हैं तो लोग हमें गंवार कहते हैं, लेकिन तेजस्वी भैया को मुख्यमंत्री बनने दो, फिर हम कट्टा लेकर घूमेंगे तो लोग हमें रंगदार कहेंगे।'

बच्चे ने यह भी जोड़ा कि "हम्मर चलावल गोली, तेजस्वी भैया के बोलल बोली, कहियो ना खाली जाय छैय हो।" (हमारी चलाई गोली और तेजस्वी भैया की कही गई बात कभी खाली नहीं जाती)।

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विपक्ष के तीखे वार: 'क' से कट्टा और संस्कार

इस वीडियो के वायरल होते ही, जदयू और बीजेपी ने राजद की राजनीति पर तीखा हमला बोल दिया। सत्ता पक्ष का कहना है कि यह बयान राजद के उस आपराधिक इतिहास की ओर इशारा करता है, जिसके लिए 90 के दशक के लालू-राबड़ी शासनकाल को जाना जाता था।

जेडीयू एमएलसी नीरज कुमार ने इस बयान की कड़ी निंदा करते हुए इसे महिला विरोधी और हिंसक सोच करार दिया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "तेजस्वी यादव के मंच से बच्चा इस तरह की हिंसक और आपत्तिजनक भाषा बोलता है, और वहाँ मौजूद नेता शाबाशी देते हैं! यही है राजद का संस्कार?"

वहीं, बिहार बीजेपी ने अपने X हैंडल पर पोस्ट करते हुए इसे 'तेजस्वी शिक्षा मॉडल' बताया। बीजेपी ने लिखा, "राजद का तेजस्वी शिक्षा मॉडल! इनके स्कूल का बच्चा-बच्चा, सीखता है "क" से कट्टा-कट्टा। राजद और हिंसा एक-दूसरे से इतना घुल-मिले हैं एक छोटा बच्चा भी जानता है कि राजद की सरकार आने पर कट्टा और रंगदारी दोनों का कारोबार चालू हो जाएगा।"

सवाल राजद पर

सबसे बड़ा सवाल यह है कि एक नाबालिग बच्चा, जो राजनीति और इसके गंभीर परिणामों को समझने में सक्षम नहीं है, उसकी जुबान पर 'कट्टा', 'गोली' और 'रंगदारी' जैसे शब्द कहाँ से आए? क्या यह किसी राजनैतिक दुष्प्रचार या जंगलराज की संस्कृति को बढ़ावा देने की रणनीति का हिस्सा है?

हालांकि तेजस्वी यादव मंच पर मौजूद नहीं थे, लेकिन मंच पर मौजूद स्थानीय नेताओं का बच्चे को शाबाशी देना और उसके हिंसक बयान पर आपत्ति न जताना, राजद के नेताओं की मानसिकता पर गंभीर प्रश्न खड़े करता है। इस घटना ने बिहार के चुनावी माहौल में विकास और रोज़गार के मुद्दों को किनारे करते हुए, एक बार फिर कानून-व्यवस्था और सुरक्षा के मुद्दे को केंद्र में ला दिया है।