बक्सर विधानसभा में 2025 में बड़ा उलटफेर हुआ। BJP के आनंद मिश्रा ने 84,901 वोट पाकर कांग्रेस के दो बार के विजेता मुन्ना तिवारी को 28,353 वोटों से हराया। कांग्रेस को 56,548 वोट मिले, जबकि BSP के अभिमन्यु मौर्या 29,118 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे।

Buxar Assembly Election 2025: बक्सर विधानसभा चुनाव 2025 (Buxar Assembly Election 2025) इस बार बिहार की सबसे दिलचस्प सीटों में से एक रहा। यहां सवर्ण समीकरण (ब्राह्मण, भूमिहार और राजपूत) के बीच कांग्रेस और भाजपा की सीधी टक्कर दिखी। 2010 में भाजपा ने यह सीट अपने नाम की थी, लेकिन 2015 और 2020 में कांग्रेस के संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्‍ना तिवारी ने लगातार दो बार जीत हासिल कर भाजपा से यह गढ़ छीन लिया था। अब 2025 में बीजेपी ने वापसी करते हुए कांग्रेस को यहां करारी शिकस्त दी है। भाजपा प्रत्याशी आनंद मिश्रा ने कांग्रेस के संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी को 28353 वोटों से मात दी। आनंद मिश्रा को मिले कुल 84901 वोटों के मुकाबले मुन्ना तिवारी 56548 मत ही प्राप्त कर सके। यहां से बहुजन समाज पार्टी तीसरे नंबर की रही। उसके प्रत्याशी अभिमन्यु मौर्या को 29118 वोट मिले। 

बक्सर विधानसभा सीट का इतिहास (Buxar Vidhan Sabha Seat History)

बक्सर विधानसभा (Buxar Assembly) सीट लंबे समय तक भाजपा का गढ़ रही। 2010 में भाजपा के प्रो. सुखदा पांडेय ने 8,500 वोटों से कांग्रेस को हराया। लेकिन 2015 में कांग्रेस के संजय कुमार तिवारी ने भाजपा के प्रदीप दुबे को 10,181 वोटों से शिकस्त दी और भाजपा का किला ढहा दिया। 2020 में भी संजय तिवारी ने भाजपा प्रत्याशी परशुराम चौबे को हराकर कांग्रेस की पकड़ और मजबूत की।

2010 बक्सर विधानसभा चुनाव

  •  प्रो. सुखदा पांडेय (BJP)- 48,062 वोट
  •  श्याम लाल सिंह कुशवाहा (RJD)- 27,879 वोट
  •  जीत का अंतर- 8,500 वोट

2015 बक्सर विधानसभा चुनाव

  •  संजय कुमार तिवारी (INC) - 66,527 वोट
  •  प्रदीप दुबे (BJP) - 56,346 वोट
  •  जीत का अंतर – 10,181 वोट

2020 बक्सर विधानसभा चुनाव

  •  संजय कुमार तिवारी (INC)- 59,417 वोट
  •  परशुराम चौबे (BJP)- 55,525 वोट
  •  जीत का अंतर - 3,892 वोट

खास बात: कांग्रेस नेता संजय कुमार तिवारी ग्रेजुएट तक पढ़ाई किए हैं। उनकी कुल चल-अचल संपत्ति 8 करोड़ के आस-पास है। उन पर 30 लाख का लोन है और 8 आपराधिक मुकदमें दर्ज हैं।

जातीय समीकरण (Caste Equation in Buxar)

बक्सर सीट पर सवर्ण मतदाता (ब्राह्मण, भूमिहार, राजपूत) का दबदबा है। यही वजह है कि भाजपा को यहां परंपरागत रूप से बढ़त मिलती रही। लेकिन कांग्रेस ने इन सवर्ण वोटों में सेंध लगाकर 2015 और 2020 में जीत दर्ज की। इसके अलावा मुस्लिम और दलित वोटर भी कांग्रेस और महागठबंधन की ओर झुकते हैं, जिससे समीकरण और दिलचस्प हो जाता है।