सार
राबड़ी सरकार में मंत्री रहे रविन्द्र नाथ मिश्र हत्या के एक मामले में दोषी पाए गए हैं। उन्हें हिरासत में ले लिया गया है। मामले की अगली सुनवाई 21 फरवरी को होगी। उस दिन अदालत पूर्व मंत्री मिश्र की सजा पर फैसला दे सकती है।
छपरा। राबड़ी सरकार में मंत्री रहे रविन्द्र नाथ मिश्र हत्या के एक मामले में दोषी पाए गए हैं। उन्हें हिरासत में ले लिया गया है। मामले की अगली सुनवाई 21 फरवरी को होगी। उस दिन अदालत पूर्व मंत्री मिश्र की सजा पर फैसला दे सकती है। हत्या के आरोप में मिश्र और उनके भाई पर मुकदमा चल रहा था। साक्ष्यों के अभाव में उनके भाई को बरी किया गया है। मिश्र, सारण कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में गिने जाते हैं।
क्या है मामला?
वर्ष 1990 के विधानसभा चुनाव के दौरान माझी प्रखंड के बूथ संख्या 175 और 176 पर बूथ लूटने की मंशा से मतदान करने आए कुछ लोगों ने हमला बोल दिया था। उस दिन की गयी फायरिंग से भगदड़ मच गयी थी। मतदान करने आये उमा नामक एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। मामले में पीठासीन अधिकारियों की तरफ से माझी थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गयी थी। एक पीठासीन अधिकारी मल्लिक ने किसी को भी पहचानने से इंकार किया था, जबकि पोलिंग एजेंट महेश प्रसाद यादव ने पूर्व मंत्री व निर्दलीय उम्मीदवार रविन्द्र नाथ मिश्र और उनके छोटे भाई हरेंद्र मिश्र समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। बता दें कि रविंद्र मिश्रा राबड़ी देवी सरकार में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री थे।
उसी मामले में पूर्व मंत्री रविन्द्र मिश्र और उनके भाई हरेंद्र मिश्र के मामले पर छपरा की एमपी एमएलए कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। सुनवाई के बाद एडीजे तृतीय की कोर्ट ने पूर्व मंत्री रविंद्र नाथ मिश्रा को दोषी पाया, जबकि उनके भाई को बरी कर दिया गया। पूर्व मंत्री को हिरासत में ले लिया गया। अभियोजन की ओर से एपीपी ध्रुपदेव सिंह ने सरकार का पक्ष रखा। अभियोजन की तरफ से कुल सात गवाहों की गवाही कोर्ट में कराई गई थी, जबकि बचाव पक्ष से अधिवक्ता चंद्र मोहन तिवारी कोर्ट में मौजूद थे।