बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में पहली बार डिजिटल वोटर कार्ड (e-EPIC) से मतदान प्रक्रिया होगी और भी आसान और सुरक्षित। QR कोड आधारित पहचान, फर्जीवाड़ा रोकथाम और मोबाइल से वोटिंग की सुविधा के साथ चुनाव आयोग तकनीक से मतदान को तेज़ और पारदर्शी बनाएगा।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के बीच चुनाव आयोग ने मतदान प्रक्रिया को और आधुनिक, सुविधाजनक तथा पारदर्शी बनाने का बड़ा कदम उठाया है। अब राज्य के सभी मतदाता एक डिजिटल वोटर कार्ड (e-EPIC) का उपयोग कर सकेंगे। यह कार्ड पारंपरिक कागज़ या प्लास्टिक आधारित पहचान पत्र से कहीं अधिक सुरक्षित और उपयोग में आसान होगा। चुनाव आयोग का उद्देश्य तकनीक के माध्यम से मतदान प्रक्रिया को तेज़, विश्वसनीय और फर्जीवाड़े से मुक्त बनाना है।
डिजिटल वोटर कार्ड (e-EPIC) क्या है?
डिजिटल वोटर कार्ड (e-EPIC) मोबाइल और कंप्यूटर पर डाउनलोड किया जा सकेगा। इसमें QR कोड जैसे एडवांस सुरक्षा फीचर्स दिए जाएंगे, जिससे मतदान केंद्र पर मतदाता की पहचान पल भर में की जा सकेगी। बूथ अधिकारी कार्ड स्कैन कर मतदाता की पूरी जानकारी तुरंत प्राप्त कर सकेंगे। इससे न सिर्फ समय की बचत होगी, बल्कि फर्जी वोटिंग की संभावना भी कम होगी। मतदाता को किसी भी परेशानी के बिना मतदान का मौका मिलेगा।
कब मिलेगा कार्ड?
चुनाव आयोग ने बताया कि 30 सितंबर 2025 को बिहार की अंतिम मतदाता सूची जारी होगी। इसके बाद नए डिजिटल कार्ड की डिलीवरी शुरू कर दी जाएगी। मतदाता अपने मोबाइल या कंप्यूटर पर डिजिटल कार्ड को तुरंत डाउनलोड कर सकेंगे, जबकि फिजिकल कार्ड 15 दिनों के अंदर घर पर पहुंच जाएगा। इससे मतदान की प्रक्रिया और अधिक सरल हो जाएगी।
क्या होगा फायदा
इस बदलाव से कई बड़े फायदे होंगे। मतदाता सूची हमेशा अपडेट रहेगी और पुराने फर्जी कार्डों का खतरा खत्म होगा। मतदान केंद्र पर पहचान की प्रक्रिया तेज़ और आसान हो जाएगी। अगर कोई मतदाता अपना फिजिकल कार्ड भूल जाए, तो मोबाइल पर डिजिटल कार्ड दिखाकर भी वोट डाल सकेगा। इससे चुनाव प्रक्रिया अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और सुचारू बनेगी।
बिहार में वोटिंग की स्थिति
बिहार में मतदाता संख्या भी बड़ी है। 1 अगस्त 2025 को जारी मसौदा सूची के अनुसार राज्य में कुल लगभग 7.24 करोड़ मतदाता हैं। भीड़ कम करने के लिए हर मतदान केंद्र पर वोटरों की संख्या 1500 से घटाकर 1200 कर दी गई है। साथ ही पूरे राज्य में कुल 90,000 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे, जिससे चुनाव संचालन और सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होगी।
यह डिजिटल पहल न केवल तकनीकी रूप से मतदान को आसान बनाएगी, बल्कि फर्जीवाड़े और पहचान से जुड़ी समस्याओं को भी काफी हद तक कम करेगी। जिन मतदाताओं के पास फिजिकल कार्ड नहीं होगा, वे डिजिटल कार्ड के जरिए भी वोट कर सकेंगे। इससे हर वोट सुरक्षित रहेगा और लोकतंत्र को मजबूती मिलेगी। बिहार में यह बदलाव चुनाव को अधिक पारदर्शी और विश्वासपूर्ण बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।
