बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी तेज हो गई है। सीट बंटवारे से पहले ही NDA और महागठबंधन के प्रमुख दलों ने कई संभावित उम्मीदवार तय कर लिए हैं, जिन्होंने अपने क्षेत्रों में प्रचार शुरू कर दिया है।
पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का माहौल अब पूरी तरह गरम हो चुका है। हालांकि एनडीए (NDA) और महागठबंधन में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला अभी तक फाइनल नहीं हुआ, लेकिन दोनों खेमों के कई संभावित उम्मीदवारों ने अपने क्षेत्रों में चुनावी प्रचार और संगठनात्मक तैयारी शुरू कर दी है। दोनों गठबंधनों के बीच अंदरखाने बैठकों का दौर जारी है, पर ज़मीनी हकीकत ये है कि कई सीटों पर नाम लगभग तय माने जा रहे हैं।
भाजपा ने फिर दांव खेला अपने पुराने चहेतों पर
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने पुराने चेहरों पर एक बार फिर भरोसा जताया है। झंझारपुर से नीतीश मिश्रा, छातापुर से नीरज कुमार सिंह, विस्फी से हरी भूषण ठाकुर, बेतिया से रेणु देवी, रीगा से मोतीलाल प्रसाद, जाले से जीवेश कुमार, पूर्णिया से विजय कुमार खेमका, बगहा से राम सिंह, लौरिया से विनय बिहारी, नौतन से नारायण प्रसाद, और पटना की हाई-प्रोफाइल सीट बांकीपुर से नितिन नवीन के नाम लगभग तय हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक भाजपा की रणनीति मजबूत संगठन प्लस विश्वसनीय चेहरा पर टिकी है, ताकि स्थानीय असंतोष से बचा जा सके।
जदयू ने जातीय संतुलन साधने की कोशिश की
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू (JDU) ने जातीय समीकरण और पुराने जनाधार को ध्यान में रखते हुए अपने उम्मीदवारों की सूची लगभग तैयार कर ली है। नालंदा से श्रवण कुमार, राजगीर से कौशल किशोर, सुपौल से विजेंद्र प्रसाद यादव, सरायरंजन से विजय कुमार चौधरी, बाल्मीकि नगर से धीरेंद्र प्रताप सिंह, मोकामा से अनंत सिंह, हरलाखी से सुधांशु शेखर, बहादुरपुर से मदन सहनी, धमदाहा से लेसी सिंह, चैनपुर से जमा खान, अमरपुर से जयंत राज, और कल्याणपुर से महेश्वर हजारी के नामों पर मुहर लग चुकी है। जानकार मानते हैं कि जदयू हर जाति और हर जिले में एक मजबूत प्रतिनिधि की रणनीति पर चल रही है ताकि नीतीश का संतुलन बरकरार रहे।
राजद ने पहले ही मैदान में उतारे दिग्गज
महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने पहले ही कई उम्मीदवारों को हरी झंडी दे दी है। राघोपुर से खुद तेजस्वी यादव, रफीगंज से मोहम्मद नेहालुद्दीन, संकेत से किरण देवी, शाहपुर से राहुल तिवारी, ब्रह्मपुर से शंभू नाथ यादव, नोखा से अनीता देवी, बोधगया से कुमार सर्वजीत, अतरी से अजय यादव, धोरैया से भूदेव चौधरी, मनेर से भाई वीरेंद्र, दरभंगा ग्रामीण से ललित यादव, फतुहा से रामानंद यादव, और बहादुरपुर से भोला यादव चुनावी रण में उतर चुके हैं।
कांग्रेस के लिए ‘रिटर्न ऑफ ओल्ड गार्ड’
कांग्रेस ने भी अपने भरोसेमंद चेहरों को ही मैदान में उतारने की तैयारी की है। मुजफ्फरपुर से विजेंद्र चौधरी, महाराजगंज से विजय कुमार दुबे, खगड़िया से छत्रपति यादव, बक्सर से संजय उर्फ मुन्ना तिवारी, कदवा से शकील अहमद खान, भागलपुर से अजीत शर्मा, और कुटुंबा से राजेश राम को टिकट मिलने की संभावना लगभग पक्की है। पार्टी का फोकस इस बार “क्लीन इमेज और ग्रासरूट कनेक्शन” पर है।
लेफ्ट दलों की भी तैयारी पूरी
भाकपा माले ने पहले ही कई उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं। दरौंदा से अमरनाथ यादव, दरौली से सत्यदेव राम, जीरादेई से अमरजीत कुशवाहा, बलरामपुर से महबूब आलम, डुमरांव से अजीत कुशवाहा, और अरवल से महानंद सिंह मैदान में होंगे। इनके अलावा फुलवारी से गोपाल रविदास और सिकटा से वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता भी नाम तय माने जा रहे हैं।
सीट बंटवारे से पहले ही सियासी रण छिड़ा
हालांकि आधिकारिक सीट बंटवारे का ऐलान अभी बाकी है, लेकिन दोनों गठबंधनों के अंदरुनी सूत्रों की मानें तो पहले चरण की सीटों पर उम्मीदवारों के नाम लगभग तय हो चुके हैं। अब सभी का फोकस प्रचार और बूथ स्तर की तैयारी पर है।
