बिहार में 9 लाख महिलाएं माइक्रोफाइनेंस कर्ज में फंसी हैं। कांग्रेस सांसद अखिलेश सिंह ने कहा कि वसूली के लिए उन्हें धमकियां मिल रही हैं। उन्होंने सरकार बनने पर माफियाओं की संपत्ति जब्त कर महिलाओं को राहत देने का वादा किया है।
पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण की हलचल के बीच कांग्रेस सांसद अखिलेश सिंह ने राज्य में महिलाओं को प्रभावित करने वाले माइक्रोफाइनेंस कर्ज संकट का गंभीर खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि लगभग 9 लाख महिलाएं औसतन ₹20,000 के बकाया कर्ज में फंसी हुई हैं। अखिलेश सिंह ने चेतावनी दी कि वसूली के नाम पर धमकी और हिंसा की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, और इस पर महागठबंधन की सरकार आने पर त्वरित कार्रवाई होगी। उनका कहना है कि माफियाओं की संपत्ति को कुर्की करके जब्त किया जाएगा और महिलाओं को राहत दी जाएगी।
बिहार की महिलाओं पर संकट
सांसद ने बताया कि यह संकट बिहार की महिलाओं के जीवन को सीधे प्रभावित कर रहा है। बकाया राशि के कारण महिलाओं पर मानसिक और आर्थिक दबाव लगातार बढ़ रहा है। कई मामले ऐसे सामने आए हैं जिनमें वसूली के लिए महिलाओं को धमकी दी जा रही है या हिंसा का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि “महागठबंधन की सरकार बनते ही हम इस पर तुरंत कार्रवाई करेंगे। महिलाओं को न्याय मिलेगा और किसी और महिला को इस तरह का संकट नहीं झेलना पड़ेगा।”
माफियाओं की होगी कुर्की जब्ती
अखिलेश सिंह ने कर्ज माफियाओं को कटघरे में खड़ा किया और कहा कि ये वही लोग हैं जो महिलाओं को आर्थिक गुलामी में फंसा रहे हैं। उनका कहना था कि भू-माफियाओं के खिलाफ रिकॉर्ड, ऑडिट और नकली रजिस्ट्री रद्द करने की बात कही। बालू माफियों के लिए स्पेशल टास्क फोर्स बनाई जाएगी और ड्रोन निगरानी की जाएगी। शराब माफियों के लिए सख्त सीमा निगरानी लागू होगी और ठेका माफियों पर ई-टेंडरिंग अनिवार्य होगी। पकड़े जाने पर अपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
अखिलेश सिंह ने कहा कि शिक्षा माफिया के लिए पेपर सिक्योरिटी कड़ा किया जाएगा और भर्ती माफियाओं पर पूर्ण पारदर्शिता और कड़ी कार्रवाई होगी। माइनिंग माफिया के लिए खनन लाइसेंस का रिव्यू होगा और अवैध कमाई को कुर्की किया जाएगा। स्वास्थ्य माफियाओं को रोकने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य खरीद में ई-टेंडरिंग अनिवार्य होगी और दोषी कंपनियों/व्यक्तियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई होगी।
