गोह विधानसभा चुनाव 2025 में राष्ट्रीय जनता दल के अमरेन्द्र कुमार ने जीत हासिल की है। उन्हें 93,624 वोट मिले। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के डॉ. रणविजय कुमार को 4,041 वोटों के मामूली अंतर से पराजित किया।

Goh Assembly Election 2025: गोह विधानसभा चुनाव 2025 में राष्ट्रीय जनता दल के अमरेन्द्र कुमार जीत गए हैं। उन्हें जीत गया 93624 वोट मिले। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के डॉ रणविजय कुमार को 4041 वोट से हराया। गोह विधानसभा सीट बिहार की राजनीति में हमेशा से अहम रही है। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट पर जातीय समीकरण और स्थानीय मुद्दों का बड़ा असर पड़ता है। 2020 में इस सीट ने इतिहास रचा जब राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने भाजपा (BJP) से यह सीट छीन ली। 

2020 का चुनाव: RJD की पहली जीत

2020 में RJD प्रत्याशी भीम कुमार सिंह ने भाजपा के मनोज कुमार शर्मा को करारी शिकस्त दी थी।

  •  भीम कुमार को कुल 81,410 वोट मिले
  •  मनोज कुमार को 45,792 वोट
  •  जीत का अंतर: 35,638 वोट

खास बात: यह जीत RJD के लिए सिर्फ चुनावी ही नहीं, बल्कि मनोवैज्ञानिक बढ़त भी थी, क्योंकि यह पहली बार था जब गोह सीट पर RJD का झंडा लहराया।

नोट: भीम कुमार सिंह पर एक क्रिमिनल केस दर्ज है। स्नातक तक की पढ़ाई करने वाले भीम कुमार सिंह पर 12 लाख रुपए का कर्जा है और उनकी कुल चल-अचल संपत्ति 6.58 करोड़ रुपए के करीब है।

2015 का चुनाव: BJP की मजबूत पकड़

  • 2015 में भाजपा ने इस सीट पर जीत हासिल की थी।
  • भाजपा प्रत्याशी मनोज कुमार को 53,615 वोट
  •  जदयू (JD(U)) के डॉ. रणविजय कुमार को 45,943 वोट
  • जीत का अंतर: 7,672 वोट

खास बात: यह जीत भाजपा की इस सीट पर मजबूत स्थिति को दर्शाती थी और इसे पार्टी का गढ़ माना जाने लगा।

2010 का चुनाव: BJP की लगातार जीत

2010 के चुनाव में भी भाजपा ने अपनी स्थिति मजबूत रखी थी।

  •  JD(U) के डॉ. रणविजय कुमार को 47,378 वोट
  •  RJD के राम अयोध्या प्रसाद को 46,684 वोट
  •  जीत का अंतर: 694 वोट (बहुत करीबी मुकाबला)

खास बात: यह चुनाव बताता है कि गोह हमेशा से टफ कॉन्टेस्ट वाली सीट रही है।

2025 का चुनाव: क्या BJP करेगी वापसी या RJD दोहराएगी जीत?

अब 2025 का चुनाव बेहद रोमांचक है।

  • 1. क्या RJD 2020 की तरह इस सीट पर अपनी पकड़ बनाए रखेगी?
  • 2. क्या BJP अपने गढ़ में दोबारा एंट्री कर पाएगी?
  • 3. या फिर कोई नया चेहरा गोह की राजनीति में हलचल मचा देगा?

नोट: यह सब कुछ जनता के वोटिंग पैटर्न और जातीय समीकरणों पर निर्भर करेगा।