Gopal Khemka Murder: 10 लाख की सुपारी, खून का सौदा, STF की गोली और मालसलामी की सुबह! कारोबारी खेमका हत्याकांड का रहस्य अब खुलने लगा…शूटर को हथियार देने वाला आरोपी विकास उर्फ राजा एनकाउंटर में ढेर, दो और हिरासत में। क्या खत्म हुआ किलिंग नेटवर्क?

Gopal Khemka murder case: बिहार की राजधानी पटना में हुए चर्चित व्यवसायी गोपाल खेमका हत्याकांड में अब बड़ा मोड़ आ गया है। मंगलवार सुबह STF (Special Task Force) ने इस केस के मुख्य आरोपियों में से एक विकास उर्फ राजा को मालसलामी इलाके में मुठभेड़ में ढेर कर दिया। बताया जा रहा है कि राजा वही व्यक्ति था जिसने शूटर को हथियार सप्लाई किए थे और हत्या की प्लानिंग में भी सीधे तौर पर शामिल था।

कैसे हुआ राजा का एनकाउंटर? 

STF को इनपुट मिला था कि विकास उर्फ राजा मालसलामी इलाके में छिपा है। टीम ने जब मौके पर दबिश दी तो राजा ने फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए उसे गोली मार दी। उसे नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस के मुताबिक, राजा की गिरफ्तारी से पहले ही इनपुट था कि वह बेहद खतरनाक और हथियारबंद हो सकता है।

10 लाख की सुपारी और 24 जून को पटना आया था शूटर 

इससे पहले गिरफ्तार मुख्य शूटर उमेश यादव उर्फ विजय ने चौंकाने वाला खुलासा किया था। उसने बताया कि गोपाल खेमका की हत्या के लिए उसे 10 लाख रुपये की सुपारी दी गई थी। एडवांस में 1 लाख रुपये कैश में दिए गए थे। उमेश 24 जून को दिल्ली से पटना आया और 4 जुलाई को खेमका की हत्या कर दी। हत्या के वक्त उमेश ने अपने चेहरे को हेलमेट और मास्क से ढंक रखा था ताकि वह पहचान में न आ सके।

हथियार की सप्लाई में राजा की भूमिका 

पुलिस सूत्रों के अनुसार, हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियारों की सप्लाई राजा ने ही की थी। वह पटना में कई आपराधिक मामलों में पहले भी नामजद रह चुका है। राजा की गिरफ्तारी पुलिस के लिए अहम मानी जा रही थी, लेकिन वह लगातार लोकेशन बदलकर पुलिस से बचता रहा। मंगलवार की सुबह आखिरकार पुलिस ने उसे ट्रेस कर लिया और मुठभेड़ में मार गिराया। सूत्रों के अनुसार, पुलिस को सूचना मिली थी कि विकास पटना जिले के बाहरी इलाके में छिपा हुआ है। स्पेशल टीम ने देर रात इलाके की घेराबंदी की, लेकिन विकास ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में विकास को गोली लगी और उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

क्या था हत्या के पीछे मकसद? 

पुलिस को अभी तक की जांच में यह संकेत मिले हैं कि हत्या की जड़ें पुराने जमीन विवाद, बिजनेस टकराव, और राजनीतिक बैकिंग से जुड़ी हो सकती हैं। पुलिस को यह भी शक है कि इस हत्याकांड की साजिश जेल में बंद एक कुख्यात अपराधी ने रची थी। कुछ नेताओं और स्थानीय अपराधियों के गठजोड़ की भी जांच की जा रही है।

दो और हिरासत में, छापेमारी जारी 

उमेश की निशानदेही पर पुलिस ने पटना के कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित उदयगिरी अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 601 में छापेमारी की। यहां से दो संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। हालांकि, पुलिस ने अभी उनके नाम सार्वजनिक नहीं किए हैं और पूछताछ जारी है।

हत्या में शामिल गैंग और बेऊर जेल कनेक्शन की भी जांच

पुलिस इस हत्याकांड को एक सुनियोजित सुपारी किलिंग मान रही है, जिसकी साजिश बेऊर जेल से रची गई थी। विकास और उमेश के तार कई कुख्यात अपराधियों और संभवतः राजनीतिक कनेक्शनों से भी जुड़े हुए हैं। पुलिस अब इस नेटवर्क को खंगालने में जुटी है।

विकास के पास से बरामद हथियार और दस्तावेज

एनकाउंटर के बाद पुलिस ने विकास के पास से एक पिस्तौल, 4 कारतूस और एक मोबाइल फोन बरामद किया है। फोन से कई कॉल डिटेल्स और संभावित लोकेशन रिकॉर्ड सामने आ सकते हैं, जिनके जरिए पूरी गैंग की कड़ियां जोड़ी जाएंगी।

अब आगे क्या? 

STF और पटना पुलिस अब इस हत्याकांड के पीछे के पूरे नेटवर्क को तोड़ने के मिशन पर हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं। बिहार के राजनीतिक गलियारों में भी इस हत्याकांड को लेकर हलचल है, क्योंकि इस केस में कई ऐसे नाम जुड़ सकते हैं जो अब तक परदे के पीछे थे।