Hasanpur Assembly Election 2025: बिहार की हसनपुर विधानसभा सीट (Hasanpur Vidhan Sabha Seat) समस्तीपुर जिले में आती है और यह हमेशा से हाई-प्रोफाइल सीट मानी जाती रही है। राज कुमार राय को यहां से 90 हजार से ज्यादा वोट मिले हैं।

Hasanpur Assembly Election 2025: बिहार की हसनपुर विधानसभा सीट (Hasanpur Vidhan Sabha Seat) समस्तीपुर जिले में आती है और यह हमेशा से हाई-प्रोफाइल सीट मानी जाती रही है। राज कुमार राय को यहां से 90 हजार से ज्यादा वोट मिले हैं।

2020: हसनपुर विधानसभा सीट का हाई-प्रोफाइल चुनाव

  • 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में तेजप्रताप यादव को 80,991 वोट मिले।
  • दूसरे स्थान पर रहे जेडीयू के राजकुमार राय को 59,852 वोट हासिल हुए।
  • तेजप्रताप ने लगभग 21,139 वोटों से जीत दर्ज की।

खास बात: यह मुकाबला इसलिए भी खास रहा क्योंकि तेजप्रताप अपनी महुआ सीट छोड़कर यहां से मैदान में उतरे थे।

नोट: 12वीं पास तेज प्रताप यादव पर पांच क्रिमिनल केस चल रहे हैं। उनकी कुल संपत्ती 2.83 करोड़ रूपए बताई गई है और उन पर 17.57 लाख का लोन भी है।

2015: हसनपुर विधानसभा सीट का चुनाव- जेडीयू की मजबूत पकड़

2015 में जेडीयू के राजकुमार राय ने यहां से जीत दर्ज की थी।

  • उन्हें कुल 63,094 वोट मिले।
  • दूसरे स्थान पर रहे रालोसपा (RLSP) प्रत्याशी विनोद चौधरी को 33,494 वोट हासिल हुए।

खास बात: जेडीयू ने यह चुनाव 29,600 वोटों के बड़े अंतर से जीता था।

2010: हसनपुर विधानसभा सीट का चुनाव- जेडीयू की करीबी जीत

  • 2010 में भी जेडीयू के राजकुमार राय ही विजेता रहे।
  • उन्हें 36,767 वोट मिले।
  • आरजेडी के सुनील कुमार पुष्पम को 33,476 वोट मिले।

खास बात: यह मुकाबला काफी नजदीकी रहा और जीत का अंतर मात्र 3,300 वोट रहा।

हसनपुर विधानसभा सीट का चुनावी इतिहास

  • हसनपुर सीट पर अब तक कुल 13 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं।
  • यहां से जेडीयू (3 बार), आरजेडी (2 बार), जनता दल (2 बार), संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी (2 बार) और कांग्रेस, जनता पार्टी, जनता पार्टी (सेक्युलर), सोशलिस्ट पार्टी (1-1 बार) जीत चुकी हैं।
  • यहां बीजेपी (BJP) अब तक एक बार भी जीत दर्ज नहीं कर पाई है।
  • इस सीट के सबसे बड़े नेता रहे गजेंद्र प्रसाद हिमांशु, जो 7 बार विधायक बने।

2025: हसनपुर विधानसभा सीट का मुकाबला- होगा समीकरण?

हसनपुर विधानसभा चुनाव 2025 में मुकाबला एक बार फिर दिलचस्प होने वाला है।

  • क्या तेजप्रताप यादव अपनी जीत दोहरा पाएंगे?
  • या जेडीयू के राजकुमार राय पुरानी पकड़ को फिर से मजबूत करेंगे?
  • वहीं बीजेपी का अभी तक खाता न खुलना भी बड़ा सवाल है।