सार
बिहार के चर्चित लीडर पप्पू यादव सोमवार देर रात एक भीषण सड़क हादसे में बाल-बाल बच गए। हालांकि हादसे में उनके साथ के कई नेता घायल हुए हैं। हादसा उस समय हुआ, जब वो सारण जिले से लौट रहे थे। वे मुबारकपुर कांड के पीड़ितों से मिलकर लौट रहे थे।
पटना. जन अधिकार पार्टी(JAP) के चीफ पप्पू यादव सोमवार देर रात हुए एक भीषण सड़क हादसे में बाल-बाल बच गए। हादसा आरा और बक्सर के बीच ब्रह्मपुर फोरलेन पर हुआ। हादसा इतना भीषण था कि उनकी सुरक्षा में तैनात स्क्वाड की गाड़ी पलट गई। वो फिसलते हुए रोड के किनारे तक चली गई। वहीं, उनके साथ चल रही दूसरी गाड़ी चूर-चूर हो गई। हादसे में पप्पू यादव के साथ मौजूद कुछ अन्य नेता घायल हुए हैं। उन्हें नजदीक के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जानिए पूरा मामला…
मुबारपुर कांड के पीड़ितों से मिलकर आ रहे थे
पप्पू यादव सारण जिले के मुबारकपुर कांड के पीड़ितों से मिलने गए थे। लौटते समय यह हादसा हुआ। बताया जा रहा है कि एक्सीडेंट एक ट्रक को ओवरटेक की वजह से हुआ। इसके बाद काफिले की कई गाड़ियां आपस में टकरा गईं। हादसे में करीब 10-12 लोगों के घायल होने की खबर है। पप्पू यादव ने बताया कि हादसे में उनकी पार्टी के जिलाध्यक्ष सुनील कुमार और दिनेश कुमार के हाथ में फ्रैक्चर हुआ है। बीएमपी के दो जवान भी घायल हुए हैं। घायलों के सीने और सिर में चोटे हैं। हालांकि किसी की भी हालत गंभीर नहीं है। हादसे में दो गाड़ियां अधिक क्षतिग्रस्त हुईं। इनमें से एक में पप्पू यादव बैठे थे, जबकि दूसरी में उनके सिक्योरिटी गार्ड्स थे।
क्या है मुबाकरपुर कांड?
बिहार के छपरा के मांझी थाना क्षेत्र के मुबारकपुर गांव में तीन युवकों की दबंगों ने बेरहमी से पिटाई कर दी थी। इनमें से दो की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। इस मामले से इलाके में तनाव की स्थिति है। नौबत यहां तक आ गई कि प्रशासन को इंटरनेट सस्पेंड करना पड़ा। हालांकि पुलिस ने मुख्य आरोपी स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि विजय यादव के भाई अजय यादव को गिरफ्तार कर लिया है। घटना के अनुसार, 2 फरवरी को मुखिया पति विजय यादव पर फायरिंग हुई थी। इसके बाद विजय यादव के समर्थकों ने तीन युवकों को पकड़कर उन्हें घर में बंद करके बुरी तरह पीटा था। इसके बाद इलाके में तनाव फैल गया था।
हाल में पीएम पर टिप्पणी को लेकर चर्चा में आए थे
हाल में पप्पू यादव ने twitter के जरिये पीएम मोदी पर टिप्पणी की थी। उन्होंने लिखा था- कुछ लोग सलाह देते हैं प्रधानमंत्री पर टिप्पणी मत कीजिए। उन्हें पता नहीं है संसदीय राजनीति में हम नरेंद्र मोदी जी से बहुत सीनियर हैं! जब वह अपने गृह क्षेत्र वडनगर से ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ने का साहस नहीं कर पाए तब हम 3 बार निर्दलीय लोकसभा MP और एक बार निर्दलीय MLA बन चुके थे। हालांकि इस पर उन्हें कड़ी आलोचना झेलनी पड़ी थी।
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