बिहार विधानसभा चुनाव नतीजों के दिन जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार चंद्रशेखर सिंह का निधन हो गया. प्रचार के दौरान हार्ट अटैक के बाद से अस्पताल में भर्ती थे. तरारी सीट से 2271 वोट मिले. रिटायर शिक्षक रहे चंद्रशेखर सिंह की मौत से क्षेत्र में शोक।

Chandrashekhar Singh Death : चुनाव का दिन आमतौर पर रौनक, उत्साह और जीत-हार के रंगों से भरा होता है, लेकिन शुक्रवार का दिन बिहार की तरारी सीट के लिए बिल्कुल अलग तस्वीर लेकर आया. जहां एक तरफ पूरे राज्य में जीत के नारे गूंज रहे थे, वहीं दूसरी तरफ भोजपुर जिले के तरारी क्षेत्र से आई एक बेहद दुखद खबर ने माहौल को गमगीन कर दिया. जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार चंद्रशेखर सिंह का अचानक निधन हो गया, जिसने चुनावी जश्न के बीच मातम का सन्नाटा खड़ा कर दिया.

अस्पताल में चल रहा था इलाज, नतीजों के दिन टूटी सांसें

जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार चंद्रशेखर सिंह को 31 अक्टूबर को चुनाव प्रचार के दौरान हार्ट अटैक आया था. उन्हें तत्काल पटना के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. कई दिनों से उनकी हालत स्थिर नहीं हो रही थी, और अंततः 14 नवंबर को उन्होंने अंतिम सांस ली. उनका निधन ठीक उसी दिन हुआ, जिस दिन चुनाव परिणाम जारी हुए, जिसने पूरे क्षेत्र में एक भावुक माहौल पैदा कर दिया.

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पार्टी प्रतिनिधियों ने की पुष्टि, 2271 वोट मिले थे

जन सुराज प्रत्याशी के अभिकर्ता और किसान नेता छोटे सिंह ने फोन पर चंद्रशेखर सिंह के निधन की पुष्टि की. चुनाव परिणामों में उन्हें कुल 2271 वोट मिले थे. पार्टी के लिए यह दोहरी क्षति थी-

  • एक तरफ चुनाव नतीजों में करारी हार
  • दूसरी तरफ अपने उम्मीदवार की असमय मौत

तरारी विधानसभा में गहराया दुख, विरोधी और समर्थक दोनों स्तब्ध

चंद्रशेखर सिंह के निधन से तरारी विधानसभा में शोक का माहौल है. जन सुराज पार्टी के नेताओं ने गहरा दुख जताया है.तरारी सीट से जीत दर्ज करने वाले बीजेपी उम्मीदवार विशाल प्रशांत ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया. विरोधी और समर्थक सभी ने इस घटना को लोकतांत्रिक प्रक्रिया के बीच एक बड़ी क्षति बताया.

‘मास्टर साहब’ के नाम से पहचान, राजनीति में पहली बार कदम

चंद्रशेखर सिंह मूल रूप से भोजपुर के कुरमुरी गांव के निवासी थे.

  • वे एक रिटायर प्रधान शिक्षक थे
  • समाज में ‘मास्टर साहब’ के नाम से प्रसिद्ध
  • शिक्षक संघ में सक्रिय पदाधिकारी रह चुके
  • ब्रह्मर्षि समाज के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे
  • राजनीतिक पृष्ठभूमि न होने के बावजूद उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा मजबूत थी

उनकी सरलता, ईमानदारी और लोगों से जुड़ने की क्षमता के कारण वे क्षेत्र में सम्मानित माने जाते थे.

बीजेपी के विशाल प्रशांत ने तरारी सीट जीती

बता दें कि तरारी विधानसभा सीट पर इस बार कड़ा मुकाबला देखने को मिला. अंततः बीजेपी उम्मीदवार विशाल प्रशांत ने 11,464 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की. लेकिन जीत की इस घोषणा के साथ ही क्षेत्र में खुशी की जगह एक असामान्य सन्नाटा पसर गया, क्योंकि उसी दिन जन सुराज के उम्मीदवार दुनिया को अलविदा कह चुके थे.

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