बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में NDA ने 200+ सीटों से ऐतिहासिक जीत दर्ज की। मैरी मिलबेन ने राहुल गांधी और कांग्रेस समर्थकों पर सोशल मीडिया पर कटाक्ष किया। जनता ने विकास और सुशासन के पक्ष में मतदान किया।
नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 ने एक बार फिर देश की राजनीति में हलचल मचा दी है। इस बार भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए ने शानदार प्रदर्शन किया और 243 सीटों वाले विधानसभा चुनाव में गठबंधन की जीत का आंकड़ा 200 सीटों से ऊपर पहुंच गया। अमेरिकी गायिका और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसक मैरी मिलबेन ने इस ऐतिहासिक जीत के बाद कांग्रेस और उनके नेता राहुल गांधी पर सोशल मीडिया पर तंज कसा।
क्या राहुल गांधी और कांग्रेस इस हार का विश्लेषण कर पाएंगे?
एक्स पर पोस्ट करते हुए मैरी मिलबेन ने कहा कि कांग्रेस समर्थक पहले उन्हें ट्रोल कर चुके थे क्योंकि वे भाजपा के समर्थन में थे। उन्होंने लिखा, "प्रिय राहुल गांधी, कांग्रेस और सभी 'गांधी गुंडे' जो कई हफ़्ते पहले मुझे ट्रोल कर रहे थे, अब मेरे मित्र प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा की शानदार जीत पर नजर रख रहे हैं।"
NDA की जीत के पीछे कौन-कौन से फैक्टर्स हैं?
2025 के बिहार चुनाव ने यह साबित कर दिया कि मतदाता अब विकास और स्थिरता को तरजीह दे रहे हैं। नीतीश कुमार के नेतृत्व वाला एनडीए वर्तमान में कुल 202 सीटों पर आगे है, जिसमें भाजपा 90, जदयू 80, लोजपा 21, हम 5 और रालोद 4 सीटों पर आगे हैं। इसके अलावा, राजद 28, कांग्रेस 5, भाकपा (माले) 3, माकपा 1, बसपा 1 और एआईएमआईएम 5 सीटों पर आगे है।
क्या बिहार के मतदाताओं ने “जंगल राज” को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया?
लगभग दो दशकों से राज्य पर शासन कर रहे नीतीश कुमार के लिए यह चुनाव राजनीतिक सहनशक्ति और जनता के विश्वास की परीक्षा था। “सुशासन बाबू” कहे जाने वाले मुख्यमंत्री को हाल के वर्षों में मतदाताओं की थकान और बदलते राजनीतिक समीकरणों का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद, मौजूदा रुझान ज़मीनी स्तर पर बदलाव और जनता के विश्वास को दर्शाते हैं।
NDA का समन्वित मोर्चा और भाजपा-जदयू गठबंधन की रणनीति
इस चुनाव में भाजपा-जदयू गठबंधन ने एकजुट और पुनर्जीवित मोर्चा पेश किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीतीश कुमार के साथ मजबूती से खड़े रहते हुए चुनावी अभियान को नई ऊर्जा दी। गठबंधन ने कल्याणकारी योजनाओं, बुनियादी ढाँचे के विस्तार, सामाजिक योजनाओं और प्रशासनिक स्थिरता पर जोर दिया। यह रणनीति जनता के बीच सीधे जाकर संदेश पहुंचाने में कारगर साबित हुई और बिहार में एनडीए की भारी जीत में बदल गई।
क्या कांग्रेस और राजद आगामी चुनावों में अपनी रणनीति बदल पाएंगे?
मैरी मिलबेन का कटाक्ष केवल सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय नहीं रहा, बल्कि यह राजनीतिक गलियारों में भी कांग्रेस के लिए चेतावनी बन गया। बिहार के मतदाताओं ने स्पष्ट संदेश दिया है कि अब विकास, स्थिरता और प्रशासनिक जवाबदेही ही चुनावी जीत की कुंजी है।
