जोकीहाट चुनाव 2025 में AIMIM के मो. मुर्शिद आलम 83737 वोट पाकर जीते। उन्होंने JDU के मंजर आलम को 28803 वोटों से हराया। 2020 में भी AIMIM ने यह सीट जीती थी, जो पहले JDU का गढ़ मानी जाती थी।

Jokihat Assembly Election 2025: जोकीहाट विधानसभा चुनाव 2025 में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के मोहम्मद मुर्शिद आलम जीत गए हैं। उन्हें 83737 वोट मिले। उन्होंने 28803 वोटों से जनता दल (यूनाइटेड) के मंजर आलम को हराया। जिन्हें 54934 वोट मिले। यह सीट 2010 से 2020 तक कई राजनीतिक उतार-चढ़ाव देख चुकी है। कभी यहां जेडीयू (JDU) का दबदबा था, तो 2020 में एआईएमआईएम (AIMIM) ने बाजी मारी और इतिहास रचा। 

2020: AIMIM ने लिखी नई कहानी

2020 के चुनाव में बड़ा उलटफेर हुआ। एआईएमआईएम (AIMIM) के शाहनवाज आलम ने 59,596 वोट पाकर जीत दर्ज की। उन्होंने आरजेडी (RJD) के सर्फराज आलम को 7,383 वोटों के अंतर से हराया। शाहनवाज का वोट शेयर लगभग 34.22% रहा। यह AIMIM की इस सीट पर पहली ऐतिहासिक जीत थी।

2015: जेडीयू की बड़ी जीत

2015 में इस सीट पर जेडीयू (JDU) के सर्फराज आलम ने एकतरफा जीत दर्ज की। उन्हें 92,890 वोट मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी रंजीत यादव को केवल 38,910 वोट मिले। जीत का अंतर 53,980 वोटों का रहा, जो जेडीयू के मजबूत जनाधार को दिखाता है।

2010: सर्फराज आलम की शुरुआत

2010 में भी जेडीयू के सर्फराज आलम ने इस सीट पर जीत हासिल की। उन्हें 44,027 वोट मिले, जबकि स्वतंत्र उम्मीदवार कौसर जिया को केवल 18,697 वोट मिले। जीत का अंतर 25,330 वोटों का था। यह जीत जेडीयू की इस क्षेत्र में पकड़ को मजबूत करने वाली साबित हुई।

जातीय और स्थानीय समीकरण

जोकीहाट विधानसभा में मुस्लिम, यादव और अति पिछड़ी जातियों के वोट निर्णायक भूमिका निभाते हैं। मुस्लिम वोट बैंक यहां सबसे ज्यादा प्रभावशाली है और यही वजह है कि AIMIM को 2020 में बड़ी सफलता मिली। वहीं यादव और राजपूत वोटरों का झुकाव अक्सर एनडीए या महागठबंधन की ओर रहता है।