कुशेश्वरस्थान विधानसभा चुनाव 2025: कुशेश्वरस्थान विधानसभा चुनाव 2025 में JDU के अतिरेक कुमार 36441 वोटों से जीते। यह सीट JDU का गढ़ रही है, जहाँ पहले शशिभूषण हजारी और उनके बेटे अमन भूषण ने लगातार जीत दर्ज की थी।
Kusheshwar Asthan Assembly Election 2025: कुशेश्वरस्थान विधानसभा चुनाव 2025 में जनता दल (यूनाइटेड) के अतिरेक कुमार जीत गए हैं। उन्हें 85685 वोट मिले। उन्होंने स्वतंत्र उममीदवार गणेश भारती को 36441 वोट से हराया। कुशेश्वरस्थान विधानसभा (Kusheshwar Asthan Assembly 78) बिहार के मधुबनी और दरभंगा जिले की सीमा के पास स्थित एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। यह सीट पिछले कई वर्षों से जेडीयू और महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर के लिए जानी जाती रही है।
2021 उपचुनाव में शशिभूषण के बेटे ने दर्ज की थी जीत
इस विधानसभा सीट का इतिहास बताता है कि शशिभूषण हजारी ने 2010 से लेकर 2020 तक लगातार जीत दर्ज की, जिनकी लोकप्रियता और मेहनत ने कुशेश्वरस्थान को जेडीयू का मजबूत गढ़ बना दिया। 2021 में उनके निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव हुआ, जिसमें उनके बेटे अमन भूषण हजारी ने शानदार जीत दर्ज की और पिता के राजनीतिक रिकॉर्ड को आगे बढ़ाया।
पिछली जीत और हार: आंकड़ों की कहानी
2020 कुशेश्वरस्थान विधानसभा चुनाव
- विजेता: शशिभूषण हजारी (JD(U))-53,980 वोट
- हारने वाले: डॉ. अशोक कुमार (INC)-46,758 वोट
- वोट अंतर: 7,222
नोट: शशिभूषण हजारी एससी समुदाय से आते थे। वह 12वीं पास थे। उनके पास करीब 1.60 करोड़ की चल अचल संपत्ति है। उन पर एक लाख की लायबिलिटी भी थी।
2021 कुशेश्वरस्थान विधानसभा उपचुनाव
- विजेता: अमन भूषण हजारी (JD(U))- 59,882 वोट
- हारने वाले: गणेश भारती (RJD)- 47,184 वोट
- वोट अंतर: 12,698
नोट: अमन भूषण हजारी मात्र 10वीं पास हैं। उन पर कोई क्रिमिनल केस तो नहीं हैं लेकिन 3.64 लाख की देनदारी जरूर है। डनकी कुल संपत्ती करीब 98.74 लाख रुपए है।
2015 कुशेश्वरस्थान विधानसभा चुनाव
- विजेता: शशिभूषण हजारी (JD(U))-50,062 वोट
- हारने वाले: कमला पासवान (LJP)- 30,212 वोट
- वोट अंतर: 19,850
2010 कुशेश्वरस्थान विधानसभा चुनाव
- विजेता: शशिभूषण हजारी (BJP)-28,576 वोट
- हारने वाले: रामचंद्र पासवान (LJP)-23,064 वोट
- वोट अंतर: 5,512
खास बात: इन आंकड़ों से साफ पता चलता है कि कुशेश्वरस्थान में हजारी परिवार और JD(U) का दबदबा बरकरार है।
कुशेश्वरस्थान विधानसभा का जातीय समीकरण
- 1. प्रमुख वोटर: पिछड़ा वर्ग, यादव, दलित और स्थानीय किसान समुदाय
- 2. सीट पर कुल मतदाता: लगभग 2–3 लाख
- 3. जेडीयू के वोटर आधार को पिता-पुत्र की लोकप्रियता का फायदा मिलता है
- 4. जातीय समीकरण और परिवारिक पहचान इस सीट के चुनाव परिणाम तय करने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
