सार

लोकसभा चुनाव-2024 में मोदी को हराने के लिए 15 प्रमुख विपक्षी दलों की पटना में 'मुहब्बत की दुकान' सजी है। पटना पहुंचे कांग्रेस नेता नेता राहुल गांधी ने फिर से वही दुहराया कि देश में दो विचारधाराओं की लड़ाई चल रही है। 

पटना. लोकसभा चुनाव-2024 में मोदी को हराने के लिए 15 प्रमुख विपक्षी दलों की पटना में 'मुहब्बत की दुकान' सजी है। पटना पहुंचे कांग्रेस नेता नेता राहुल गांधी ने फिर से वही दुहराया कि देश में दो विचारधाराओं की लड़ाई चल रही है। एक तरफ कांग्रेस की भारत जोड़ो विचारधारा है, तो दूसरी तरफ भाजपा-आरएसएस की भारत तोड़ो विचारधारा। हालांकि उनके बयान पर भाजपा ने पंच मारा है। 

उधर, जम्मू में कई प्रोजेक्ट के शिलान्यास के मौके पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि 2024 में मोदी एक बार फिर प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। शाह ने कहा कि विपक्ष चाहे कुछ भी कर ले, 2024 में मोदी जी का 300 से ज्यााद सीटों के साथ आना तय है।

लोकसभा चुनाव-2024, पटना में विपक्षी दलों की बैठक

बिहार की राजधानी पटना में मोदी के घुर विरोधी 15 विपक्षी दलों की बैठक में एकसुर में लोकसभा चुनाव 2024 फतह करने पर जोर दिया गया। यह बैठक मुख्यमंत्री के आवास 1 अणे मार्ग पर बुलाई गई। इसमें विपक्षी नेताओं ने भाजपा को हराने रोडमैप तैयार किया जाएगा। मीटिंग में शामिल होने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के अलावा शरद पवार, उद्धव ठाकरे शुक्रवार सुबह पटना पहुंचे थे।

राहुल गांधी का मोदी पर बयान, स्मृति ईरानी ने दिया ये जवाब

राहुल और खड़गे एअरपोर्ट से पहले कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे। यहां राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। राहुल गांधी ने कहा कि हम सब मिलकर मोदी को हराएंगे। इस पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने पंच मारा। उन्होंने मीटिंग को हास्यास्पद बताते हुए कटाक्ष किया कि वे कांग्रेस पार्टी का आभार व्यक्त करना चाहती हैं, क्योंकि कांग्रेस मान चुकी है कि वो अकेले मोदी को हराने में सक्षम नहीं है। उसे सहारे की जरूरत पड़ रही है।

मोदी के खिलाफ कौन-कौन सी पाटियां पटना में जुटीं?

पटना में बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक में JDU, RJD, AAP, DMK, TMC, CPI, CPM, CPI (ML), PDP, नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस, शिवसेना, सपा, JMM और NCP शामिल हुई हैं।

मीटिंग में शामिल होने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, डी राजा, दीपांकर भट्टाचार्य महबूबा मुफ्ती एक दिन पहले यानी 22 जून को ही पटना पहुंच गए थे।

जबकि राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे, शरद पवार, उमर अब्दुल्ला, अखिलेश यादव, उद्धव ठाकरे और हेमंत सोरेन शुक्रवार को पटना पहुंचे। नेताओं की अगुवाई JDU लीडर और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और RJD नेता तेजस्वी यादव ने की।

पटना में विपक्षी दलों की मीटिंग- जानिए किसने क्या कहा?

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सभी पार्टियों से आह्वान किया कि मोदी के खिलाफ मिलकर लड़ना है। छोटे-मोटे मतभेद भुलाकर आगे बढ़ना है।

NCP चीफ शरद पवार ने मणिपुर मुद्दे का जिक्र किया। साथ ही कहा कि देश के कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने और भविष्य की रणनीति तय करने यह बैठक बुलाई गई है।

उधर, केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने बैठक ने कटाक्ष किया कि पटना की सड़कों पर अनेक दूल्हों की दावेदारी लगी हुई है।

वहीं, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सम्राट चौधरी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार परा आरोप लगाया कि वे सत्ता दुरुपयोग कर रहे हैं। क्या सीएम हाउस में राजनीति दलों की बैठक हो सकती है? जिसका बिहार से कुछ लेना देना न हो?

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