मढ़ौरा विधानसभा चुनाव 2025 में सारण लोकसभा क्षेत्र की इस अहम और चर्चित सीट पर जितेन्द्र कुमार राय ने लगातार जीत दर्ज की। मतदाताओं ने एक बार फिर उन पर भरोसा जताते हुए उन्हें विजयी बनाया।
Marhaura Assembly Election 2025: मढ़ौरा विधानसभा सीट (Marhaura Vidhan Sabha Seat) बिहार की सबसे अहम और चर्चित सीटों में से एक मानी जाती है। सारण लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली इस सीट पर जितेन्द्र कुमार राय ने लगातार जीत दर्ज की है।
2010 का चुनाव: नीतीश लहर के बावजूद जीत
2010 का विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार की लोकप्रियता के चरम समय में हुआ था। उस वक्त विकास और सुशासन के नाम पर जदयू को जबरदस्त समर्थन मिल रहा था। इसके बावजूद राजद प्रत्याशी जितेन्द्र कुमार राय ने 26,374 वोट हासिल कर जीत दर्ज की, जबकि जदयू के लाल बाबू राय को 20,750 वोट मिले। यहां जीत का अंतर 5,624 वोट का रहा। यह परिणाम राजद के लिए बड़ा संदेश था।
2015 का चुनाव: भाजपा के खिलाफ बड़ी जीत
2015 के विधानसभा चुनाव में मढ़ौरा सीट पर मुकाबला और रोचक हो गया। इस बार लाल बाबू राय ने भाजपा से चुनाव लड़ा। लेकिन यादव-मुस्लिम समीकरण और गठबंधन की मजबूती के सामने भाजपा टिक नहीं पाई। जितेन्द्र कुमार राय ने 66,714 वोट पाकर जीत दर्ज की, जबकि भाजपा के लाल बाबू राय को 49,996 वोट मिले। यहां जीत का अंतर 16,718 वोट तक पहुंच गया।
2020 का चुनाव: अल्ताफ आलम राजू को हराकर हैट्रिक
2020 में मढ़ौरा सीट पर जदयू ने अल्ताफ आलम राजू को मैदान में उतारा। लोजपा की उपस्थिति होने के बावजूद उसका असर ज्यादा नहीं पड़ा। जितेन्द्र कुमार राय ने 59,812 वोट हासिल कर लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की। वहीं अल्ताफ आलम को 48,427 वोट मिले। इस बार जीत का अंतर 11,385 वोट का रहा। मुस्लिम वोटरों का समर्थन और यादव समाज का भरोसा राजद के लिए जीत की कुंजी बना।
नोट: आरजेडी विधायक जीतेंद्र कुमार राय ग्रेजुएट हैं। उन पर पांच आपराधिक केस हैं। उनकी कुल चल-अचल संपत्ति चार करोड़ रुपए है और उन पर 31 लाख रुपए का कर्जा है।
2025 का चुनाव: क्या बनेगी चौथी जीत की कहानी?
अब 2025 का चुनाव बेहद दिलचस्प माना जा रहा है। क्या यादव-मुस्लिम समीकरण एक बार फिर राजद की जीत सुनिश्चित करेगा या विरोधी दल कोई नया समीकरण बनाकर बाजी पलट देंगे? यही सवाल मढ़ौरा की राजनीति को और रहस्यमय बना रहा है।
