चेनारी के कांग्रेस विधायक मुरारी गौतम ने इस्तीफा देकर पार्टी छोड़ दी है। उनके भाजपा में शामिल होकर चुनाव लड़ने की संभावना है, जिससे क्षेत्र में NDA की स्थिति मजबूत होगी। यह कदम उन्होंने नीतीश सरकार के पक्ष में वोट देने के बाद उठाया है।

पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मी तेज हो गई है और राजनीतिक दल अपने उम्मीदवारों की अंतिम सूची तैयार करने में जुटे हैं। इसी बीच चेनारी विधानसभा क्षेत्र से एक बड़ी खबर सामने आई है। कांग्रेस के विधायक मुरारी गौतम ने बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव को अपना इस्तीफा सौंप दिया और पार्टी का दामन छोड़ दिया। अब चर्चा है कि मुरारी गौतम भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं।

मुरारी गौतम ने क्यों छोड़ा कांग्रेस का दामन? 

मुरारी गौतम का कांग्रेस से रिश्ता पिछले लंबे समय से तनावपूर्ण रहा। 12 फरवरी 2024 को नीतीश कुमार सरकार के बहुमत परीक्षण के दौरान उन्होंने कांग्रेस के व्हिप के निर्देशों के खिलाफ जाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का समर्थन किया था। इस कदम ने पहले ही उनकी पार्टी के साथ दूरी बढ़ा दी थी। अब उन्होंने कांग्रेस से औपचारिक दूरी बनाते हुए विधानसभा से इस्तीफा दे दिया।

बीजेपी में शामिल होने का मतलब क्या? 

सूत्रों के अनुसार, मुरारी गौतम लंबे समय से चेनारी में भाजपा के चुनावी कैंपेन में सक्रिय रहे हैं और पार्टी में उनकी वापसी का मतलब साफ है – वह भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। इससे एनडीए को चेनारी में फायदा मिलने की संभावना बढ़ गई है। पार्टी को एक अनुभवी और स्थानीय स्तर पर लोकप्रिय चेहरा मिल गया है, जो सीट की लड़ाई को और रोचक बना सकता है।

चेनारी में राजनीतिक पारा बढ़ा 

चेनारी विधानसभा क्षेत्र में पिछले चुनाव में जनता दल यूनाइटेड के ललन पासवान और कांग्रेस के मुरारी गौतम के बीच कड़ी टक्कर रही थी। अब मुरारी गौतम का बीजेपी में शामिल होना खेल को पूरी तरह बदल सकता है। यह सीट अब तीन-दलीय मुकाबले से दो-दलीय संघर्ष में बदल सकती है, जिसमें एनडीए और विपक्ष के बीच सीधे मुकाबले की संभावना है।

भाजपा दे सकती है टिकट

भाजपा नेतृत्व ने मुरारी गौतम की स्थानीय लोकप्रियता और विधानसभा क्षेत्र में उनके नेटवर्क को ध्यान में रखते हुए उन्हें टिकट देने की रणनीति बनाई है। यह कदम न केवल चेनारी में भाजपा की स्थिति मजबूत करेगा, बल्कि विपक्षी दलों की चुनावी तैयारियों पर भी असर डाल सकता है। कांग्रेस और राजद को अब नई रणनीति बनानी होगी, क्योंकि अनुभवी मुरारी गौतम का पलड़ा भारी साबित हो सकता है।

क्या बदल जाएगा खेल? 

जानकारों का कहना है कि मुरारी गौतम का बीजेपी में जाना चेनारी की राजनीतिक तस्वीर को बदल सकता है। उनके पुराने समर्थक भाजपा के साथ जुड़ सकते हैं और विपक्ष के वोट बैंक में भी दरार आ सकती है। वहीं, विपक्ष को नई रणनीति के तहत स्थानीय मुद्दों और उम्मीदवारों के आधार पर अपनी स्थिति मजबूत करनी होगी।