2025 के मुजफ्फरपुर विधानसभा चुनाव में, भाजपा ने इस कड़े मुकाबले वाली सीट पर भारी जीत हासिल की। ​​रंजन कुमार ने एक लाख से ज़्यादा वोट हासिल करके सबको चौंका दिया। 

Muzaffarpur Assembly Election 2025: मुजफ्फरपुर विधानसभा चुनाव 2025 (Muzaffarpur Assembly Election 2025) बिहार की हॉट सीटों से बीजेपी ने जीत हासिल की है। रंजन कुमार ने 1 लाख से ज्यादा वोट लाकर सबको चौंका दिया है।

2010: भाजपा की शानदार जीत

2010 में बीजेपी उम्मीदवार सुरेश कुमार शर्मा ने जबरदस्त जीत दर्ज की। उन्हें 72,301 वोट मिले जबकि लोक जनशक्ति पार्टी के मोहम्मद जमाल को केवल 25,862 वोट मिले। जीत का अंतर 46,439 वोट रहा और सुरेश शर्मा को कुल वोट का लगभग 59% समर्थन मिला।

2015: भाजपा का दबदबा बरकरार

2015 में भी बीजेपी ने सुरेश शर्मा पर भरोसा जताया। इस बार उनके सामने जदयू से बिजेंद्र चौधरी मैदान में थे। नतीजा फिर बीजेपी के पक्ष में गया। सुरेश शर्मा को 95,594 वोट मिले और चौधरी को 65,855 वोट। भाजपा उम्मीदवार ने 29,739 वोटों के बड़े अंतर से जीत हासिल की। उनका वोट शेयर करीब 55% रहा।

2020: कांग्रेस की धमाकेदार वापसी

2020 में कांग्रेस उम्मीदवार बिजेंद्र चौधरी ने इतिहास रच दिया। उन्होंने भाजपा के कद्दावर नेता सुरेश शर्मा को हरा दिया। चौधरी को 81,871 वोट मिले, जबकि शर्मा को 75,545 वोट मिले। मुकाबला बेहद करीबी रहा और कांग्रेस महज 6,326 वोटों से जीती। 30 साल बाद कांग्रेस ने यहां जीत दर्ज की।

2025: जातीय समीकरण-किसके साथ जाएगा जनादेश?

मुजफ्फरपुर विधानसभा (Muzaffarpur Vidhan Sabha) का जातीय समीकरण बेहद जटिल है। यहां मुस्लिम, राजपूत और भूमिहार वोटर निर्णायक हैं। इसके अलावा ब्राह्मण, कुर्मी, रविदास, पासवान और यादव समुदाय की भी बड़ी भूमिका रहती है। यही समीकरण हर बार उलटफेर कर देता है। 2025 में जनसुराज के उतरने से मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है और यह परिणाम को और रहस्यमय बना रहा है।

उम्मीदवारों का प्रोफाइल और सियासी असर

कांग्रेस के विजेता विधायक बिजेंद्र चौधरी लंबे राजनीतिक अनुभव वाले नेता हैं। उन पर 6 आपराधिक केस दर्ज होने की जानकारी सामने आई है। वहीं भाजपा के सुरेश शर्मा ने दो बार विधायक रहते हुए क्षेत्र में मजबूत पकड़ बनाई। दोनों नेताओं के पास करोड़ों की संपत्ति घोषित रही है और शिक्षा स्तर ग्रेजुएशन से ऊपर है।