सार
बिहार के भागलपुर में अगुवानी-सुल्तानगंज के बीच बन रहे पुल के गंगा में गिरने के बाद बिहार सरकार के दावों की पोल खुलने लगी है। विपक्षी नेताओं खासकर बीजेपी ने सीएम नीतीश कुमार से मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की मांग करते हुए भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।
पटना. बिहार सरकार और चाचा-भतीजे की जोड़ी यानि सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव बिपक्ष के निशाने पर आ गए हैं। भागलपुर में अगुवानी-सुल्तानगंज के बीच गंगा पर बन रहा पुल गिरने के बाद सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। बीजेपी नेताओं ने नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग कर डाली है। इस घटना को लेकर मोदी सरकार में बौतर केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने बिहार सरकार पर जमकर हमला किया है।
बिहार सरकार पर बोले अश्विनी चौबे पुल का गिरना दुर्भाग्यपूर्ण है ...
नीतीश सरकार पर बीजेपी नेता ओर केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने तगड़ा हमला बोलते हुए इस्तीफे की मांग कर डाली है। अश्विनी चौबे ने कहा कि यह कितना दुर्भाग्यपूर्ण है कि पुल कंपील होने से पहले ही गिर गया। धन्य है बिहार सरकार...धन्य है आपका भ्रष्टाचार...किस तरह से करोड़ों के घोटाले के बाद आज यह पुल भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। मुझे आज बहुत ही दुख हो रहा है कि बिहार राज्य सेतु निगम की ओर से जो बनने वाले पुल पर भगवान भरोसे ही काम हो रहा है। अच्छा यह अभी शुरू नहीं हुआ था, नहीं तो जनहानि भी हो सकती थी। सीएम नीतीश कुमार को अब बिना कहे इस्तीफा दे देना चाहिए।
तेजस्वी यादव ने कहा-हमें पुल के गिरने की पहले से आशंका थी
बता दें कि रविवार शाम को पुल के गिरने के बाद और विपक्ष के निशाने पर आने के बाद बिहार सरकार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने आनन-फानन में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि पुल की आईआईटी रुड़की से जांच कराई गई है, इससे पहले भी यह पुल का पिलर नंबर पांच गिर चुका है। तेजस्वी ने कहा कि हमें इसकी पहले से आशंका थी और वही हुआ। क्योंकि इसकी डिजाइन पर सवाल उठे थे, इसके बाद इसके कुछ पिलर को तोड़ा गया। मामले की जांच हो रही है।
ताश के पत्ते की तरह बिखर गया सीएम नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट
23 फरवरी, 2014 को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पुल की नींव रखी थी। इस पुल की बनने की अनुमानित राशि करीब 1,710 करोड़ है। इस निर्माणाधीन पुल की लंबाई 3.16 किमी है। जिसे मार्च 2020 तक करना था। इतना ही नहीं सीएम नीतीश का यह पुल ड्रीम प्रोजेक्ट बताया जाता है। लेकिन ताश के पत्तों की तरह पुल के गिरने के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं। भ्रष्टाचार से लेकर सीएम नीतीश के इस्तीफे की मांग होने लगी है। सोशल मीडिया पर इसके मीम्म वायरल हो रहे हैं। वहीं पुल के गिरने की वजह बिहार सरकार घटिया निर्माण सामग्री के इस्तेमाल को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।