नीतीश कुमार ने आयुष डॉक्टर नुसरत परवीन को अपॉइंटमेंट लेटर देते हुए हिजाब हटाया, वीडियो वायरल। RJD बोली- मानसिक स्थिति खराब? कांग्रेस ने 'घिनौना' बताकर इस्तीफा मांगा। इवेंट में 1283 आयुष डॉक्टरों को लेटर बांटे गए।

पटना/नई दिल्ली। सोमवार 15 दिसंबर को पटना में आयोजित एक कार्यक्रम का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक महिला डॉक्टर को अपॉइंटमेंट लेटर देते समय उसका हिजाब हटाते हुए दिखे। यह घटना मुख्यमंत्री आवास पर हुए उस इवेंट में हुई, जहां नए भर्ती आयुष डॉक्टरों को अपॉइंटमेंट लेटर बांटे जा रहे थे। राजद-कांग्रेस ने नीतीश कुमार की इस हरकत पर आपत्ति जताते हुए उनके इस्तीफे की मांग की है।

क्या है पूरा मामला?

नए भर्ती आयुष डॉक्टरों को अपॉइंटमेंट बांटने के क्रम में नुसरत परवीन अपना लेटर लेने के लिए आगे आईं। लेटर देने के बाद, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिला के सिर पर बंधे स्कार्फ की ओर इशारा किया, उसके बारे में पूछा और बाद में खुद ही उसे हटा दिया। इस दौरान महिला डॉक्टर कुछ देर के लिए परेशान दिखी, क्योंकि कार्यक्रम में मौजूद लोग हंसने लगे।

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नीतीश जी को क्या हो गया है?

लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए कहा, "नीतीश जी को क्या हो गया है? क्या उनकी मानसिक स्थिति पूरी तरह खराब हो गई है, या नीतीश बाबू अब 100% संघी बन गए हैं?" वहीं, कांग्रेस पार्टी ने इसे "घिनौना काम" बताते हुए बिहार के मुख्यमंत्री पर हमला बोलते हुए उनके इस्तीफे तक की मांग कर डाली। कांग्रेस पार्टी ने कहा, "इस बेशर्म हरकत को देखिए। जब ​​एक महिला डॉक्टर अपना अपॉइंटमेंट लेटर लेने आई, तो नीतीश कुमार ने उसका हिजाब खींच लिया। अगर राज्य में सबसे ऊंचे पद पर बैठा व्यक्ति पब्लिक में इस तरह से शर्मनाक हरकत करता है, तो कोई भी अंदाजा लगा सकता है कि महिलाएं कितनी सुरक्षित हैं। इस तरह का दुर्व्यवहार माफी के लायक नहीं है।"

1283 आयुष डॉक्टरों को बांटे गए अपॉइंटमेंट

बता दें कि इस पटना में हुए इस कार्यक्रम में 1283 आयुष डॉक्टरों को अपॉइंटमेंट लेटर बांटे गए, जिनमें 685 आयुर्वेदिक, 393 होम्योपैथिक और 205 यूनानी डॉक्टर शामिल थे। अधिकारियों के अनुसार, नए नियुक्त डॉक्टरों को आयुष मेडिकल सर्विसेज और नेशनल हेल्थ मिशन के तहत अलग-अलग हेल्थ संस्थानों में तैनात किया जाएगा। उन्हें OPD सेवाओं के लिए और नेशनल चाइल्ड हेल्थ प्रोग्राम के तहत 'रोमिंग मेडिकल टीम' के हिस्से के रूप में तैनात किया जाएगा, जिसका मकसद स्कूल हेल्थ चेक-अप में सुधार करना और पूरे राज्य में हेल्थकेयर डिलीवरी को मजबूत बनाना है।