Obra Vidhan Sabha Chunav 2025: ओबरा विधानसभा चुनाव 2025 में एलजेपी (रामविलास) के प्रकाश चंद्र विजयी रहे। उन्हें 91,638 वोट मिले। प्रकाश चंद्र ने आरजेडी के ऋषि कुमार को 12,013 वोटों के अंतर से पराजित किया।
Obra Assembly Election 2025: ओबरा विधानसभा चुनाव 2025 में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रकाश चंद्र जीत गए हैं। उन्हें 91638 वोट मिले। उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल के ऋषि कुमार को 12013 वोटों से हराया। ओबरा विधानसभा सीट (Obra Vidhan Sabha Seat), औरंगाबाद जिले की राजनीति का वो केंद्र है जहां हर चुनाव एक अलग कहानी कहता है। कभी निर्दलीय को जिताने वाले मतदाता, कभी महागठबंधन को सिर पर बैठाते हैं तो कभी विपक्षी दलों को नया मौका देते हैं। यही वजह है कि यहां का हर चुनाव बिहार की राजनीति में सस्पेंस और सरप्राइज लेकर आता है।
2010 चुनाव: जब निर्दलीय ने सबको चौंकाया
नतीजा:
- सोमप्रकाश सिंह (IND)-36,816 वोट (जीत)
- प्रमोद सिंह चंद्रवंशी (JDU)-36,014 वोट (हार, अंतर सिर्फ 802 वोट)
कारण:
- जनता की पारंपरिक दलों से नाराजगी।
- स्थानीय चेहरे पर भरोसा।
- जातीय समीकरण से ज्यादा बदलाव की चाह हावी।
नोट: 2010 में जदयू के मनोरंजन सिंह ने शानदार जीत दर्ज की। नीतीश कुमार की विकास पुरुष वाली छवि और उस समय बिहार में लागू की गई सड़कों, स्कूलों और बिजली योजनाओं ने जदयू को मज़बूत आधार दिया। राजद यहां पूरी तरह पिछड़ गया क्योंकि लालू यादव के खिलाफ जनता में असंतोष था।
2015 चुनाव: RJD की वापसी, मोदी लहर की अनदेखी
नतीजा:
- बीरेन्द्र कुमार सिन्हा (RJD)-56,042 वोट (जीत)
- चंद्र भूषण वर्मा (RLSP)-44,646 वोट (हार, अंतर 11,396 वोट)
कारण:
- पूरे बिहार में मोदी लहर के बावजूद, ओबरा ने महागठबंधन को चुना।
- RJD का जातीय समीकरण और स्थानीय मुद्दों पर पकड़ मजबूत।
- जनता ने राष्ट्रीय लहर के बजाय स्थानीय भरोसे को तरजीह दी।
नोट: 2015 का चुनाव बेहद दिलचस्प रहा। इस बार महागठबंधन (RJD-JDU-Congress) ने मिलकर चुनाव लड़ा। नतीजा साफ रहा – जदयू के मनोरंजन सिंह ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की। भाजपा को मजबूती मिली लेकिन गठबंधन की ताकत ने जदयू को सीट बचा ली। इस चुनाव में जातीय समीकरण के साथ-साथ लालू-नीतीश गठबंधन की केमिस्ट्री बड़ी वजह बनी।
2020 चुनाव: RJD ने दोहराई जीत, LJP को झटका
नतीजा:
- ऋषि कुमार (RJD)-63,662 वोट (जीत)
- प्रकाश चंद्र (LJP)-40,994 वोट (हार, अंतर 22,668 वोट)
नोट: रिषी कुमार पोस्ट ग्रेजुएट हैं। उन पर कोई क्रिमिनल केस नहीं है। उनके पास Rs 4,12,24,535 रुपए की चल-अचल संपत्ति है। उन पर Rs 23,00,000 रुपए की देनदारी भी है।
कारण:
- RJD ने नया चेहरा उतारा और युवाओं का भरोसा जीता।
- LJP ने वोट तो जुटाए, लेकिन जीत से दूर रह गई।
- त्रिकोणीय मुकाबले में भी RJD का दबदबा साफ रहा।
नोट: 2020 में बड़ा बदलाव हुआ। RJD ने श्रीकांत यादव को मैदान में उतारा और उन्होंने जीत हासिल की। जदयू को इस बार हार का सामना करना पड़ा। इसके पीछे कई कारण थे:
- नीतीश सरकार से बढ़ती नाराज़गी
- युवाओं का रोजगार और पलायन का मुद्दा
- स्थानीय स्तर पर भूमि विवाद और नहर परियोजनाओं की धीमी रफ्तार
- सोशल मीडिया पर RJD की पकड़
2025 की लड़ाई में क्या होगा नया?
- अब 2025 के चुनाव में समीकरण फिर बदल सकते हैं।
- RJD इस बार नया चेहरा उतार सकती है।
- BJP पुराने उम्मीदवार को ही मैदान में उतारने की रणनीति बना रही है।
- जातीय गोलबंदी अब भी असरदार होगी, लेकिन युवा वोटर विकास और रोजगार को प्राथमिकता दे रहे हैं।
- नहर परियोजना, सरकारी योजनाओं की सुस्ती और शिक्षा-स्वास्थ्य सुविधाएं इस बार बड़े मुद्दे बन सकते हैं।
- गांव और शहर के बीच डिजिटल मीडिया का असर मतदाता सोच को बदल रहा है।
