बिहार चुनाव 2025 के लिए AIMIM ने बायसी सीट से गुलाम सरवर को उम्मीदवार बनाया है। ओवैसी ने महागठबंधन से 6 सीटें मांगी हैं, पर जवाब न मिलने पर निशाना साधा। पार्टी ने ढाका से एक हिंदू प्रत्याशी भी उतारा है, जिससे मुकाबला दिलचस्प हो गया है।

पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है और सभी राजनीतिक दल अपने पाले में महिला और पुरुष मतदाताओं को साधने की जद्दोजहद में जुट गए हैं। इस बीच, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम (AIMIM) ने चुनावी मैदान में अपना नया दांव खेलते हुए बायसी विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है।

AIMIM ने बायसी से गुलाम सरवर को अपना उम्मीदवार बनाया है। यह पार्टी का यह दूसरा उम्मीदवार है। बायसी सीट पर AIMIM ने पहले 2020 में जीत दर्ज की थी, लेकिन उस समय के विधायक सैयद रुकनुद्दीन अहमद बाद में राजद में शामिल हो गए थे। अब इस सीट पर गुलाम सरवर चुनाव लड़ेंगे।

गुलाम सरवर को टिकट

गुलाम सरवर 2020 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव में उतरे थे और करीब 5 हजार वोट हासिल कर चौथे स्थान पर रहे थे। इससे पहले 2015 में उन्होंने AIMIM के उम्मीदवार के रूप में 16 हजार वोट पाए थे। AIMIM का मानना है कि सीमांचल क्षेत्र की जनता इस बार भी पार्टी पर भरोसा करेगी और गुलाम सरवर को जीत दिलाएगी।

AIMIM की रणनीति और ओवैसी की अपील

असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को बायसी में नुक्कड़ सभाओं का आयोजन किया। उन्होंने पश्चिम चौक और सिमलबारी चौक पर जनता को संबोधित करते हुए गुलाम सरवर को जिताने की अपील की। ओवैसी ने कहा कि AIMIM इस बार बिहार विधानसभा चुनाव मजबूती से लड़ेगी और भाजपा को रोकने के लिए महागठबंधन में शामिल होने की इच्छा भी जता चुकी है।

ओवैसी ने महागठबंधन पर भी निशाना साधा और कहा कि उनके प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को पत्र लिखकर सिर्फ 6 सीट की मांग की थी। इसके बावजूद अभी तक कोई जवाब नहीं आया। उन्होंने कहा, “बिहार की जनता देख रही है कि भाजपा की बी टीम कौन है।”

पिछला चुनाव और त्रिकोणीय मुकाबला

बायसी विधानसभा सीट पर पिछले चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबले के संकेत मिले थे। इस बार भी राजनीतिक समीकरण लगभग वही बने हुए हैं। महागठबंधन और NDA ने अभी तक अपने उम्मीदवारों का नाम घोषित नहीं किया है। AIMIM का दावा है कि सीमांचल की जनता इस बार भी पार्टी पर भरोसा करेगी।

अन्य सीटों पर AIMIM की तैयारी

इससे पहले AIMIM ने पूर्वी चंपारण की ढाका विधानसभा सीट से राणा रणजीत सिंह को टिकट देने की घोषणा की थी। खास बात यह है कि इस सीट से AIMIM ने एक हिंदू प्रत्याशी को मैदान में उतारा है। राणा रणजीत राजपूत समाज से आते हैं और इस समय जोरशोर से प्रचार में जुटे हैं। यह संकेत है कि AIMIM अब धार्मिक पहचान से ऊपर उठकर सभी वर्गों के मतदाताओं को साधने की रणनीति पर काम कर रही है।

चुनावी असर

AIMIM का यह नया दांव बिहार विधानसभा चुनाव के समीकरण को और दिलचस्प बना रहा है। बायसी सीट पर गुलाम सरवर की एंट्री से एनडीए और महागठबंधन दोनों को अपनी रणनीति पर दोबारा विचार करना पड़ेगा। अब देखना होगा कि त्रिकोणीय मुकाबले में जनता का रुख किस तरफ जाएगा और कितनी सीटें AIMIM अपने खाते में जोड़ पाएगी।