सार

पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह की रिहाई को लेकर गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया का बयान आया है। आनंद मोहन की रिहाई पर निराशा जताते हुए उन्होंने कहा कि इससे अपराधियों को बढ़ावा मिलेगा। उन्हें फांसी होनी चाहिए थी।

पटना। पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह की रिहाई को लेकर गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया का बयान आया है। आनंद मोहन की रिहाई पर निराशा जताते हुए उन्होंने कहा कि इससे अपराधियों को बढ़ावा मिलेगा। उन्हें फांसी होनी चाहिए थी। बिहार सरकार के फैसले से समाज में गलत संदेश जाएगा। उन्होंने सीएम नीतीश कुमार से पूछा है कि क्या यही इंसाफ है? क्या जी कृष्णैया का यही कसूर है कि वह बिहार में काम करने गए थे? एक दलित और ईमानदार अधिकारी की हत्या करने वाले की रिहाई की जा रही हैं।

बेटी ने कहा-हत्यारे को जेल से क्यों छोड़ा जा रहा?

मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वह बिहार सरकार के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने पर विचार कर रही हैं। उनकी बेटी ने भी नीतीश सरकार के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार ऐसा करेगी। हमने कभी सोचा नहीं था। यह गलत हो रहा है। मेरे पिता के अच्छे काम की चर्चा आज भी लोग करते हैं। उनके हत्यारे को जेल से क्यों छोड़ा जा रहा है।

अपराधियों का मनोबल बढ़ेगा

एक टीवी चैनल से बातचीत में उमा कृष्णैया ने कहा कि आनंद मोहन को उम्र कैद की सजा होने के बाद भी हम खुश नहीं थे। अब वह जेल से रिहा होंगे और राजनीति करेंगे। सरकार के इस फैसले से वह सहमत नही हैं। उन्होंने कहा कि इससे अपराधियों का मनोबल बढ़ेगा। संदेश साफ है कि अपराध करो, जेल जाओ और फिर बाहर आकर राजनीति करो। उन्हें फांसी की सजा होनी चाहिए थी।

पीएम और राष्ट्रपति से ​दखल की गुहार

अब आगे उनका कदम क्या होगा, इस सवाल पर उमा ने कहा कि वह अपने पति के बैचमेट व आईएएस एसोसिएशन से इस बारे में सलाह लेंगी। वह इस मामले में अकेले लड़ने में सक्षम नहीं है। यदि लोग उनका साथ देंगे तो वह सुप्रीम कोर्ट से अपने पति के हत्यारे को नहीं छोड़ने की गुहार लगाएंगी। उन्होंने पीएम मोदी और राष्ट्रपति से भी आनंद मोहन की रिहाई रोकने की गुहार लगाई है।

राजनीति में मचा हुआ है बवाल

आपको बता दें कि गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की हत्या के जुर्म में उम्र कैद की सजा काट रहे आनंद मोहन की रिहाई को लेकर देश की राजनीति में बवाल मचा हुआ है। बसपा सुप्रीमों मायावती ने बीते दिन बयान जारी कर बिहार सरकार के इस फैसले की आलोचना की थी। विपक्षी दलों के नेता भी तंज कस रहे हैं। ​हालांकि सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने इसको लेकर कोई बात नहीं कही है। मंगलवार को दिल्ली के लिए निकले तेजस्वी यादव से जब पत्रकारों ने इस बारे में पूछा। तब भी उन्होंने कोई बयान नहीं दिया था।