क्या ऑपरेशन सिंदूर ने सिर्फ पाकिस्तान को नहीं, बल्कि भारत की सियासत को भी हिला दिया? बिहार के आरा से पीएम मोदी का विपक्ष पर हमला-धमाके पाकिस्तान में हुए, पर बेचैनी कांग्रेस और RJD के नेताओं में क्यों? क्या सियासी गठबंधन फटने वाला है?
आरा (बिहार)। बिहार चुनावी मौसम में सियासत का पारा लगातार चढ़ता जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को आरा की रैली में विपक्ष पर सीधा और तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि “ऑपरेशन सिंदूर” की सफलता के बाद जहां पूरा देश अपनी सेना की वीरता पर गर्व कर रहा था, वहीं कांग्रेस और उसके साथी RJD के चेहरे उतर गए। मोदी ने कहा, “धमाके पाकिस्तान में हुए थे, लेकिन कांग्रेस के शाही परिवार की नींद उड़ गई। पाकिस्तान और कांग्रेस के नामदार अब तक उस झटके से उबर नहीं पाए हैं।”
क्या ऑपरेशन सिंदूर की गूंज अब सियासत में सुनाई दे रही है?
प्रधानमंत्री का यह बयान न सिर्फ पाकिस्तान के खिलाफ हुई कार्रवाई का जिक्र था, बल्कि यह कांग्रेस और RJD पर सियासी वार भी था। मोदी ने कहा कि जब देश सेना के शौर्य पर गर्व कर रहा था, तब विपक्षी दलों के नेताओं के चेहरे पर मायूसी थी। उन्होंने कहा कि NDA सरकार विकास के मिशन पर काम कर रही है, जबकि कांग्रेस और RJD आपसी लड़ाई में उलझे हैं। मोदी बोले, “मैं अंदर की बात बता रहा हूं-नॉमिनेशन की आखिरी तारीख से एक दिन पहले बिहार में बंद कमरों के अंदर गुंडागर्दी हुई। कांग्रेस नहीं चाहती थी कि RJD का कोई नेता मुख्यमंत्री उम्मीदवार बने, लेकिन RJD ने कांग्रेस के सिर पर कट्टा रखकर ये पद छीन लिया।”
क्या विपक्षी गठबंधन चुनाव से पहले ही टूटने के कगार पर है?
मोदी ने कहा कि कांग्रेस और RJD के बीच तनाव इतना बढ़ गया है कि न तो मेनिफेस्टो पर सलाह ली गई और न ही कैंपेन पर एकजुटता दिखाई दी। उन्होंने तीखा व्यंग्य करते हुए कहा, “अगर चुनाव से पहले ही इतनी नफरत है, तो चुनाव के बाद क्या होगा? क्या ये लोग बिहार की भलाई के लिए काम करेंगे या एक-दूसरे का सिर फोड़ेंगे?”
‘सुशासन बनाम जंगलराज’: मोदी ने दी तुलना की मिसाल
प्रधानमंत्री मोदी ने NDA के शासन को ‘सुशासन’ और RJD के कार्यकाल को ‘जंगलराज’ बताया। उन्होंने कहा, “RJD का जंगलराज अंधेरे, कट्टा, क्रूरता, कुशासन और भ्रष्टाचार से पहचाना जाता है। NDA बिहार को विकसित भारत के संकल्प के साथ आगे बढ़ा रहा है।” उन्होंने लोगों से अपील की कि वे ऐसे दलों को वोट न दें, जो सत्ता के लिए गठबंधन तो बना लेते हैं लेकिन जनता के हित भूल जाते हैं।
